मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कच्चे पाम, सोयाबीन और सूरजमुखी तेलों पर आयात शुल्क 12.5% से बढ़ाकर 32.5% करने के निर्णय के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया।
सीएम ने कहा कि इस कदम से सरसों, सूरजमुखी और मूंगफली की फसलों की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, जिससे इन फसलों की खेती करने वाले किसानों को लाभ होगा। सोयाबीन उत्पादक क्षेत्र से आने वाले सीएम ने यह भी विश्वास व्यक्त किया कि इस निर्णय से सोयाबीन किसानों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, जिससे उन्हें बेहतर मूल्य प्राप्त करने में मदद मिलेगी और घरेलू फसलों की समग्र मांग बढ़ेगी।
घरेलू फसलों की मांग में वृद्धि
आयात शुल्क में वृद्धि से आयातित खाद्य तेलों पर निर्भरता कम होने की उम्मीद है, जिससे सरसों, सूरजमुखी, मूंगफली और सोयाबीन जैसे स्थानीय रूप से उत्पादित तेलों की मांग बढ़ेगी। इससे किसानों को अधिक कीमत मिलने की संभावना है और इन फसलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
कृषि क्षेत्र को बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि यह निर्णय कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देगा, खासकर तिलहन फसलों पर अत्यधिक निर्भर क्षेत्रों को। सस्ते आयात पर अंकुश लगाने से भारतीय किसानों को घरेलू बाजार में प्रतिस्पर्धा करने का बेहतर मौका मिलेगा, जिससे ग्रामीण आय बढ़ेगी और कृषि अर्थव्यवस्था के समग्र विकास में योगदान मिलेगा।
आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित करना
मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि यह कदम भारत के कृषि में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य के अनुरूप है। स्वदेशी फसलों की खेती और खपत को बढ़ावा देकर, सरकार आयात पर निर्भरता कम करने, खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने और टिकाऊ कृषि पद्धतियों का समर्थन करने की दिशा में काम कर रही है।
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