भारत-बांग्लादेश सीमा तनाव: सीमा पर कंटीले तारों की बाड़ लगाने को लेकर भारत और बांग्लादेश के बीच तनाव बढ़ गया है। दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच हाल की चर्चाओं का उद्देश्य बढ़ती चिंताओं को दूर करना और साझा सीमा पर सद्भाव बनाए रखना है।
भारत-बांग्लादेश सीमा पर तनाव क्यों है?
सीमा पर तनाव तस्करी और अनधिकृत प्रवेश सहित सीमा पार गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए कंटीले तारों की बाड़ लगाने के भारत के फैसले से उत्पन्न हुआ है। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) इन उपायों के साथ सीमा को सुरक्षित करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है, लेकिन बांग्लादेश ने द्विपक्षीय समझौतों के संभावित उल्लंघन का हवाला देते हुए आपत्ति जताई है।
भारतीय और बांग्लादेशी अधिकारियों के बीच हालिया बातचीत
बांग्लादेश के विदेश सचिव जशीम उद्दीन ने हाल ही में इस मुद्दे पर चर्चा के लिए भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा से मुलाकात की। उनकी 45 मिनट की बैठक सीमा तनाव को कम करने और शांतिपूर्ण सहयोग सुनिश्चित करने के लिए समाधान खोजने पर केंद्रित थी।
जशीम उद्दीन ने इस बात पर जोर दिया कि पांच विवादित क्षेत्रों में भारत की बाड़ लगाने की गतिविधियां अनधिकृत हैं और द्विपक्षीय संबंधों को नुकसान पहुंचा सकती हैं। उन्होंने दोनों पक्षों से उकसाने वाले बयानों या कार्रवाइयों से बचने का आग्रह किया, जिससे स्थिति बिगड़ सकती है।
सीमा पर बाड़ लगाने को लेकर बांग्लादेश की चिंताएँ
बांग्लादेश का दावा है कि भारत ने पहले ही 4,156 किमी लंबी सीमा में से 3,271 किमी में बाड़ लगा दी है, केवल 885 किमी में बाड़ नहीं लगी है।
पांच विवादित क्षेत्रों में हाल ही में बाड़ लगाने के प्रयासों ने बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) और स्थानीय समुदायों के विरोध को भड़का दिया है।
बांग्लादेश इन गतिविधियों को एकतरफा और दोनों देशों के बीच शांतिपूर्ण संबंधों के लिए संभावित खतरा मानता है।
सीमा सुरक्षा पर भारत का रुख
भारत का कहना है कि कांटेदार तार की बाड़ राष्ट्रीय सुरक्षा और तस्करी और घुसपैठ सहित अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए आवश्यक है। हाल के बीएसएफ अभियानों में कई तस्करों को पकड़ा गया है, जो सीमा पर चल रही चुनौतियों को उजागर करता है।
भारत-बांग्लादेश संबंधों के लिए आगे क्या है?
दोनों देश इस मुद्दे को बातचीत के जरिए सुलझाने और ऐसी कार्रवाइयों से बचने पर सहमत हुए हैं जिनसे तनाव और बढ़ सकता है। पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान खोजने के लिए बीएसएफ और बीजीबी के बीच चर्चा चल रही है।
यह विवाद क्यों मायने रखता है?
भारत-बांग्लादेश सीमा सिर्फ एक भौगोलिक सीमा नहीं है बल्कि व्यापार, सुरक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए भी एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। इन तनावों को हल करना दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक संबंधों को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।