महाराष्ट्र में 2024 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक सरगर्मी बढ़ रही है, खास तौर पर महाविकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन के भीतर। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के सुप्रीमो शरद पवार की मुख्यमंत्री पद को लेकर की गई हालिया टिप्पणी ने विपक्षी गठबंधन के सदस्यों के बीच चर्चाओं को हवा दे दी है।
कोल्हापुर में एक कार्यक्रम के दौरान शरद पवार ने कहा कि मुख्यमंत्री का चयन संख्या बल के आधार पर किया जाएगा, जिससे एमवीए में हलचल मच गई। पवार के बयान का महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने समर्थन किया, जिन्होंने उनकी भावनाओं को दोहराते हुए कहा, “शरद पवार ने जो कहा वह बिल्कुल सही है। हम महाविकास अघाड़ी के रूप में चुनाव में उतरेंगे और एमवीए के रूप में हमारी ताकत सीएम का फैसला करेगी। हम बाद में मुख्यमंत्री के बारे में फैसला करेंगे।”
यह रुख यह दर्शाता है कि पवार और पटोले दोनों ही चुनाव से पहले उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने के इच्छुक नहीं हैं, भले ही शिवसेना में ठाकरे का गुट उनकी उम्मीदवारी की वकालत करता रहा है।
ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) उन्हें एमवीए के सीएम उम्मीदवार के रूप में नामित करने के लिए दबाव बना रही है, लेकिन पवार और पटोले की नवीनतम टिप्पणियों ने इस पर संदेह पैदा कर दिया है, और राजनीतिक पर्यवेक्षक यह देखने के लिए इंतजार कर रहे हैं कि शिवसेना (यूबीटी) इन घटनाक्रमों पर क्या प्रतिक्रिया देती है।
उद्धव ठाकरे की पिछली टिप्पणी
उद्धव ठाकरे ने भी पहले सीएम पद में अपनी रुचि के संकेत दिए हैं। हाल ही में एक बयान में उन्होंने कांग्रेस और एनसीपी पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि अगर किसी भी पार्टी के पास सीएम पद के लिए कोई चेहरा है, तो उन्हें इसकी घोषणा करनी चाहिए और उनकी पार्टी इसका समर्थन करेगी।
महाराष्ट्र में मुकाबला महाविकास अघाड़ी और सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति के बीच होगा, जिसमें भाजपा, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना और एनसीपी के अजित पवार का गुट शामिल है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि शिंदे एक बार फिर सत्तारूढ़ गठबंधन का मुख्यमंत्री पद का चेहरा होंगे, हालांकि इस बारे में भाजपा के भीतर अभी भी अंदरूनी चर्चा चल रही है।
राज्य की 288 विधानसभा सीटों के लिए अक्टूबर-नवंबर 2024 में मतदान होने की उम्मीद है, जिससे यह राजनीतिक मुकाबला देखने लायक होगा।