दक्षिण कोरिया की एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंक ने 15,000 करोड़ रुपये की भारी आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) के लिए सेबी के साथ मसौदा पत्र दाखिल करके अपनी भारतीय सहायक कंपनी एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया को सूचीबद्ध करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह आईपीओ भारत के सबसे बड़े सार्वजनिक निर्गमों की श्रेणी में शामिल हो जाएगा, जिनमें हुंडई मोटर इंडिया, एलआईसी, पेटीएम और कोल इंडिया शामिल हैं।
एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया आईपीओ की मुख्य विशेषताएं
प्रस्ताव का आकार और संरचना
एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया ने मूल कंपनी द्वारा शुद्ध ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) के माध्यम से 101.8 मिलियन इक्विटी शेयर जारी करने की योजना बनाई है। आईपीओ कंपनी में 15% हिस्सेदारी का प्रतिनिधित्व करता है, जिसमें प्रत्येक शेयर का अंकित मूल्य 10 रुपये है।
निवेश बैंकिंग भागीदार
मॉर्गन स्टेनली, जेपी मॉर्गन, एक्सिस कैपिटल, सिटी, बोफा सिक्योरिटीज और केफिनटेक जैसे प्रमुख वित्तीय संस्थान इस पेशकश का प्रबंधन कर रहे हैं।
कानूनी सलाहकार
शार्दुल अमरचंद मंगलदास भारतीय कानूनी परामर्श संभाल रहे हैं। लैथम एंड वॉटकिंस एलएलपी अंतरराष्ट्रीय कानूनीताओं का प्रबंधन कर रहा है।
आईपीओ का उद्देश्य
ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) के अनुसार, लिस्टिंग का लक्ष्य है:
ब्रांड दृश्यता बढ़ाएँ: सार्वजनिक लिस्टिंग से भारत में एलजी की ब्रांड पहचान मजबूत होगी। तरलता प्रदान करें: आईपीओ एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया के इक्विटी शेयरों के लिए एक सार्वजनिक बाजार स्थापित करेगा।
हुंडई मोटर इंडिया आईपीओ के साथ तुलना
यह घोषणा हुंडई मोटर इंडिया की अक्टूबर लिस्टिंग के बाद हुई है, जिसने 27,856 करोड़ रुपये जुटाए, जिससे यह भारत का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ बन गया। एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया भारतीय शेयर बाजारों में सूचीबद्ध होने वाली दूसरी दक्षिण कोरियाई कंपनी होगी, जो भारतीय इक्विटी बाजार में प्रवेश करने वाले दक्षिण कोरियाई समूहों की एक महत्वपूर्ण प्रवृत्ति को चिह्नित करती है।
वित्तीय प्रदर्शन और बाज़ार स्थिति
FY2023 में, LG इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया ने 1,511 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया, जो पिछले वित्तीय वर्ष से 12% अधिक है। कंपनी कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेक्टर में व्हर्लपूल ऑफ इंडिया और सैमसंग इंडिया जैसे प्रमुख खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा करती है।
एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया आईपीओ का प्रभाव
भारतीय बाज़ारों को बढ़ावा
15,000 करोड़ रुपये का आईपीओ तरलता बढ़ाएगा और घरेलू और विदेशी निवेशकों को आकर्षित करेगा, जिससे वैश्विक निगमों के लिए एक आकर्षक गंतव्य के रूप में भारत की स्थिति और मजबूत होगी।
बढ़ती प्रतिस्पर्धा
जैसे ही एलजी भारतीय इक्विटी बाजार में प्रवेश करेगी, यह उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को तेज कर देगी, मौजूदा खिलाड़ियों को चुनौती देगी और नवाचार को आगे बढ़ाएगी।
निवेशकों के लिए अवसर
यह आईपीओ निवेशकों को मजबूत बाजार उपस्थिति और लगातार लाभप्रदता वाले अग्रणी उपभोक्ता टिकाऊ ब्रांड में भाग लेने का अवसर प्रदान करता है।
अन्य प्रमुख भारतीय आईपीओ के साथ तुलना
कंपनी आईपीओ साइज (करोड़ रुपये) सेक्टर हुंडई मोटर इंडिया 27,856 ऑटोमोटिव एलआईसी 21,000 इंश्योरेंस पेटीएम 18,300 फिनटेक एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया 15,000 (अपेक्षित) कंज्यूमर ड्यूरेबल्स
एलजी का आईपीओ भारत के शीर्ष पांच सार्वजनिक निर्गमों में शुमार होगा, जो इक्विटी बाजार में इसके महत्व को रेखांकित करेगा।
एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया के लिए आगे क्या है?
सेबी की फाइलिंग पूरी होने के साथ, कंपनी अपना आईपीओ लॉन्च करने से पहले नियामक मंजूरी का इंतजार कर रही है। विश्लेषकों का अनुमान है कि एलजी के बाजार प्रभुत्व, मजबूत वित्तीय स्थिति और विकास क्षमता के कारण निवेशकों की दिलचस्पी अधिक होगी।
आईपीओ एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया को उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में भी स्थापित करता है, जो अपनी प्रतिस्पर्धी बढ़त को मजबूत करने के लिए पूंजी का लाभ उठा रहा है।
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