डॉक्टरों के संगठन फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) ने मंगलवार को सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में पोस्टग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप का स्वागत किया। FORDA ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप से मेडिकल बिरादरी के हितों की पूर्ति होगी।
सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप पर खुशी जताते हुए राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉक्टरों ने ‘सुप्रीम कोर्ट जिंदाबाद’ जैसे नारे लगाए। FORDA ने एक बयान में कहा, “हम माननीय सुप्रीम कोर्ट के विस्तृत सत्र का स्वागत करते हैं और हमारे समुदाय के व्यापक हित में उनके हस्तक्षेप पर भरोसा करते हैं। हम कोई भी निर्णय लेने से पहले अपने सभी हितधारकों से परामर्श करेंगे।”
कोलकाता बलात्कार-हत्या मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले का स्वतः संज्ञान लिया और मंगलवार को इस पर सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को अपराध स्थल की सुरक्षा न करने, पूर्व प्रिंसिपल को दूसरे संस्थान में नियुक्त करने और आरजी कर अस्पताल में तोड़फोड़ रोकने में विफल रहने के लिए कड़ी फटकार लगाई।
सुप्रीम कोर्ट ने सीआईएसएफ को आरजी कर अस्पताल की सुरक्षा का जिम्मा संभालने का निर्देश दिया और प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से काम पर लौटने का आग्रह किया। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता में एक डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मद्देनजर डॉक्टरों की सुरक्षा और सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिए एक राष्ट्रीय प्रोटोकॉल तैयार करने के लिए 10 सदस्यीय टास्क फोर्स का गठन किया।
तीन सप्ताह के भीतर टास्क फोर्स अपनी अंतरिम रिपोर्ट और दो महीने के भीतर अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। FORDA के एक सदस्य ने कहा कि हड़ताल पर निर्णय लेने से पहले निकाय सभी हितधारकों के साथ बैठक करेगा। डॉक्टरों के एक अन्य निकाय फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (FAIMA) ने कहा कि वह भी जल्द ही एक बैठक आयोजित करेगा। “हम जल्द ही अपडेट करेंगे। निर्णय प्रत्येक राज्य RDA के इनपुट पर विचार करने के बाद किया जाएगा और बहुमत के निर्णय पर आधारित होगा,” FAIMA ने कहा।
कोलकाता के एक डॉक्टर के साथ हुए भयानक बलात्कार और हत्या मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आंदोलनकारी डॉक्टरों से सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा रखने और काम पर लौटने का आग्रह किया। सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार और आरजी कर अस्पताल के अधिकारियों को आड़े हाथों लेते हुए एफआईआर दर्ज करने में देरी और प्रिंसिपल को किसी दूसरे अस्पताल में फिर से नियुक्त करने की जल्दबाजी पर सवाल उठाए। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से जांच की स्टेटस रिपोर्ट मांगी है और आरजी कर अस्पताल में हुए हंगामे पर पश्चिम बंगाल सरकार से भी रिपोर्ट मांगी है। अगली सुनवाई 22 अगस्त को होगी।
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