स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के लिए सख्त कानून बनाने की मांग को लेकर डॉक्टरों की चल रही देशव्यापी हड़ताल के बीच एम्स व दिल्ली स्थित अन्य अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों ने 19 अगस्त से स्वास्थ्य मंत्रालय के सामने सड़क पर मुफ्त ओपीडी (बाह्य रोगी विभाग) सेवाएं देने का ऐलान किया है। एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने अपने बयान में कहा है कि जब तक केंद्रीय सुरक्षा कानून के जरिए अस्पतालों में पर्याप्त सुरक्षा का आश्वासन नहीं मिल जाता, तब तक वे निर्माण सदन (स्वास्थ्य मंत्रालय) में मुफ्त सेवाएं देते रहेंगे।
बयान में कहा गया है, “नियंत्रित डॉक्टर, चिकित्सा, सर्जरी, प्रसूति एवं स्त्री रोग, बाल रोग, नेत्र रोग, हड्डी रोग और अन्य सहित लगभग 36 विशेषताओं की वैकल्पिक ओपीडी सेवाएं नितरमन भवन के बाहर मरीजों को प्रदान करने के लिए उपलब्ध रहेंगे, हमारे अस्पतालों में आपातकालीन सेवाएं पहले की तरह जारी रहेंगी।”
एम्स आरडीए ने सरकार से तत्काल अध्यादेश लाने का आग्रह किया
एसोसिएशन ने सरकार से उनकी याचिका स्वीकार करने और स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए अध्यादेश लाने का भी आग्रह किया। बयान में कहा गया है, “हम सरकार से आग्रह कर रहे हैं कि वह स्वास्थ्य कर्मियों और संस्थानों की सुरक्षा के लिए तत्काल केंद्रीय अध्यादेश लाने की हमारी याचिका स्वीकार करे।”
इस बीच, कोलकाता बलात्कार और हत्या मामले की पीड़िता के साथ एकजुटता में राष्ट्रव्यापी हड़ताल जारी है। पश्चिम बंगाल पुलिस से मामले को अपने हाथ में लेने वाली सीबीआई ने 18 अगस्त को आरोपी संजय रॉय पर मनोविज्ञान परीक्षण किया। यह परीक्षण सीबीआई की केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) के पांच विशेषज्ञों की एक टीम की मदद से किया गया था।
इसके अलावा, सीबीआई ने प्रशिक्षु डॉक्टर के कथित बलात्कार और हत्या के सिलसिले में आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्राचार्य डॉ. संदीप घोष से शनिवार को लगातार दूसरे दिन पूछताछ की। यह घटना इसी अस्पताल में हुई थी।
उल्लेखनीय है कि 31 वर्षीय स्नातकोत्तर प्रशिक्षु डॉक्टर का शव 9 अगस्त को मिला था, जिसकी कथित तौर पर सरकारी अस्पताल के सेमिनार हॉल में बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी। इस सिलसिले में नागरिक स्वयंसेवक रॉय को गिरफ्तार किया गया था।
(एजेंसियों से इनपुट सहित)
यह भी पढ़ें | कोलकाता बलात्कार-हत्या मामला: पुलिस आयुक्त से हिरासत में पूछताछ की मांग करने पर टीएमसी सांसद को तलब किया गया