स्वामी रामदेव से जानिए सुरक्षित गर्भधारण के आयुर्वेदिक उपाय।
अभिमन्यु जैसा वीर और कुशल बालक आपके घर भी जन्म ले सकता है। बस जरूरत है अभिमन्यु को मां के गर्भ से ही ‘योग संस्कार’ देने की, क्योंकि वीर अभिमन्यु की कहानी अब सिर्फ एक पौराणिक कहानी नहीं रह गई है। विज्ञान ने इस पर अपनी मुहर लगा दी है। न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि गर्भ में पल रहा बच्चा मस्तिष्क के विकास के साथ-साथ बाहरी दुनिया को समझने की कोशिश करने लगता है और यह सब बच्चे के मस्तिष्क में विकसित हो रहे न्यूरॉन्स के कारण होता है।
मस्तिष्क में ‘संवेदी-मोटर’ नेटवर्क बच्चे की आवाज़ और समन्वय को समझने की क्षमता विकसित करता है। शोध से यह भी पता चला है कि–जब बच्चा बाहरी दुनिया में आता है तो वह बाहरी दुनिया की आवाज पहचानता है। क्योंकि उसे यह बात मां के गर्भ में ही समझ आ जाती है। इसका मतलब यह है कि अगर पहले दिन से ही सही संस्कार और सही विचार दिए जाएं तो जाहिर तौर पर बच्चे पर इसका असर दिखेगा। स्वामी जी सदैव कहते रहे हैं कि परिवार नियोजन से पहले भी ‘योग-संस्कार’ आवश्यक है। न केवल रोग और दोष, बल्कि यह आनुवंशिक रोग के चक्र को भी तोड़ता है। हां, लेकिन सिर्फ जन्म तक ही नहीं, जन्म के बाद भी सही शिक्षा और सही आहार जरूरी है।
गर्भावस्था के दौरान क्या खाना चाहिए?
डेयरी उत्पाद, हरी पत्तेदार सब्जियां, सूखे मेवे, अखरोट और जई का सेवन करना चाहिए।
गर्भावस्था के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए
अधिक खाने से बचें, भरपूर नींद लें, फास्ट फूड न खाएं, भारी वजन न उठाएं और धूम्रपान और शराब से बचें।
गर्भावस्था में क्या करें
आयरन युक्त भोजन खाएं, नियमित वर्कआउट करें, सकारात्मक सोच रखें, स्वस्थ समय सारिणी बनाएं और नियमित जांच कराएं।
गर्भावस्था के दौरान सतर्क रहें
रक्तस्राव होने पर, पेट में दर्द होने पर, लगातार सिरदर्द रहने पर और बुखार 1 दिन से अधिक समय तक रहने पर।
हाई बी.पी
लौकी कल्पा लौकी का जूस लौकी की सब्जी और सूप ब्राह्मी, शंखपुष्पी, जटामांसी तीनों को मिलाकर 2-2 ग्राम पानी लें
लो बीपी
अश्वगंधारिष्ट 2 चम्मच प्रतिदिन अश्वगंधा शतावर आधा चम्मच दूध
यूटीआई, जलन, रक्तस्राव
गोखरू जल शीशम-पीपल के पत्तों का रस 5 से 7 इलायची आधा चम्मच सोंठ का रस काला नमक अनार के रस में मिलाकर पियें
हाथ-पैरों में सूजन
पुनर्नवा क्वाथ गोखरू क्वाथ दोनों का काढ़ा बना लें, काढ़े को ठंडा करके पी लें
सर्दी, खांसी और बुखार
गिलोय, चिरायता, तुलसी काढ़ा बनाकर पियें ठंडा होने पर मुलेठी, तुलसी, गिलोय तीनों को पानी में उबालकर ठंडा करें
थायराइड और मधुमेह के लिए
त्रिफला और धनिये का पानी पियें और शुगर को नियंत्रित करने के लिए खीरा, करेला और टमाटर लें, तीनों का रस निकालकर पियें।
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