केराटिन बनाम बोटॉक्स: अंतर जानें और जानें कि ये उपचार आपके बालों को कैसे नुकसान पहुंचा सकते हैं

केराटिन बनाम बोटॉक्स: अंतर जानें और जानें कि ये उपचार आपके बालों को कैसे नुकसान पहुंचा सकते हैं

छवि स्रोत : FREEPIK केराटिन और बोटोक्स बाल उपचार के बीच अंतर जानें।

आजकल ज़्यादातर लोग अपने बालों में चमक और चमक लाने के लिए केराटिन और हेयर बोटोक्स जैसे ट्रीटमेंट का सहारा लेते हैं। ये ट्रीटमेंट बालों की खूबसूरती को कई गुना बढ़ा देते हैं और पर्सनालिटी को निखारते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये हेयर ट्रीटमेंट आपके बालों के लिए नुकसानदायक भी हो सकते हैं? आपके बाल कुछ दिनों तक तो अच्छे दिखेंगे लेकिन अंदर से पूरी तरह डैमेज हो जाएंगे। साथ ही कैंसर की संभावना भी बढ़ जाती है। सेलिब्रिटी हेयर एक्सपर्ट अमित ठाकुर हमें बता रहे हैं कि हमें ये हेयर ट्रीटमेंट क्यों नहीं करवाने चाहिए।

जानिए बालों पर क्यों नहीं करवाना चाहिए हेयर बोटोक्स और केराटिन ट्रीटमेंट

हेयर बोटॉक्स: सेलिब्रिटी हेयर एक्सपर्ट अमित ठाकुर ने हाल ही में एक पॉडकास्ट में बताया है कि हमें अपने बालों पर हेयर बोटॉक्स या केराटिन का इस्तेमाल क्यों नहीं करना चाहिए। हेयर बोटॉक्स एक डीप कंडीशनिंग ट्रीटमेंट है जिसमें प्रोटीन, विटामिन और एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं जो बालों की बाहरी परत को कोट और सील करते हैं। आपको बता दें कि यह बालों के लिए एक अस्थायी उपाय है, यानी यह केवल 2 से 3 महीने तक ही चलता है। केराटिन ट्रीटमेंट: केराटिन की बात करें तो यह आपके बालों में पहले से ही मौजूद होता है लेकिन इस ट्रीटमेंट में फॉर्मेल्डिहाइड जैसे कुछ केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है। आपको बता दें कि यह केमिकल कई देशों में प्रतिबंधित है क्योंकि यह कार्सिनोजेन है और कैंसर का कारण बन सकता है।

गर्मी का प्रयोग बालों को नुकसान पहुंचाता है:

आजकल, पोषक तत्वों को सील करने के लिए उपचार में गर्मी का बहुत उपयोग किया जाता है। जब भी आप बालों में प्रोटीन को सील करने के लिए गर्मी का उपयोग करते हैं, तो इससे बाल कुछ दिनों के लिए तो अच्छे दिखते हैं लेकिन अंदर से कमज़ोर और क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। इसलिए, किसी को भी इन उपचारों का उपयोग नहीं करना चाहिए।

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