एर्नाकुलम प्रिंसिपल सेशन कोर्ट ने यौन उत्पीड़न के एक मामले में कोच्चि में मलयालम अभिनेता-राजनेता मुकेश को जमानत दे दी। अभिनेता एडावेला बाबू, जो एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स (AMMA) के पूर्व महासचिव थे, को भी इसी तरह के एक मामले में जमानत मिली।
द न्यूज मिनट की रिपोर्ट के अनुसार, एक पूर्व मलयालम अभिनेता द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत में दोनों अभिनेताओं का नाम शामिल था, जिसमें मुकेश, जयसूर्या और एडावेला बाबू के अलावा चार अन्य व्यक्तियों पर भी आरोप लगाया गया था। हालांकि, यौन शोषण की शिकायत के कारण मुकेश, जो सीपीआई-एम विधायक भी हैं, और एडावेला बाबू के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
इससे पहले अदालत ने मुकेश को अंतिम निर्णय तक गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी थी, जिसे अब अग्रिम जमानत में बदल दिया गया है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार एडावेला बाबू को भी इसी तरह की शर्तों के तहत अग्रिम जमानत दी गई थी।
ये आरोप 19 अगस्त को न्यायमूर्ति हेमा समिति की रिपोर्ट जारी होने के बाद सामने आए हैं, जिसमें मलयालम फिल्म उद्योग में महिलाओं द्वारा सामना की जाने वाली स्थितियों की जांच की गई थी। सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत सार्वजनिक की गई रिपोर्ट में दुर्व्यवहार और शोषण के गंभीर आरोपों का खुलासा किया गया, जिससे उद्योग में प्रमुख हस्तियों के खिलाफ शिकायतों की बाढ़ आ गई।
न्यायमूर्ति हेमा समिति का गठन 2019 में अभिनेता दिलीप से जुड़े 2017 के मारपीट मामले के बाद किया गया था। इसका उद्देश्य मलयालम फिल्म उद्योग में यौन उत्पीड़न और लैंगिक भेदभाव के मुद्दों की जांच करना था, और इसके निष्कर्षों ने अब उद्योग में महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित किया है।
यह भी पढ़ें: कर्नाटक में एक और घोटाला? भाजपा सरकार द्वारा करोड़ों के कोविड फंड में अनियमितताओं की जांच के लिए पैनल गठित