मैसूर, भारत (21 सितंबर) — कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने घोषणा की कि राज्य सरकार मीडिया में छपी खबरों की तथ्य-जांच करने के लिए कदम उठा रही है। इस पहल का उद्देश्य गलत सूचनाओं से निपटना है, हालांकि उन्होंने इसके क्रियान्वयन में कई चुनौतियों की मौजूदगी को स्वीकार किया।
प्रेस दिवस समारोह में बोलते हुए सिद्धारमैया ने जनता तक सच्चाई पहुँचाने की मीडिया की जिम्मेदारी पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “सरकार प्रेस से आने वाली खबरों की तथ्य-जांच करने की दिशा में आगे बढ़ रही है, लेकिन इसमें कई बाधाएं हैं।” उन्होंने पत्रकारों से सटीकता को प्राथमिकता देने का आग्रह किया, उन्होंने कहा कि झूठी खबरों के प्रसार से प्रतिष्ठा धूमिल हो सकती है और लोकतांत्रिक मूल्यों का ह्रास हो सकता है।
सिद्धारमैया ने कहा कि गलत सूचना का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है, जिससे लोकतंत्र और संवैधानिक मूल्यों को खतरा हो सकता है। उन्होंने पत्रकारिता में जवाबदेही की आवश्यकता पर जोर देते हुए झूठ के प्रसार को रोकने के लिए कार्रवाई करने का आह्वान किया।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि मैसूरु जिला पत्रकार संघ भवन के लिए सहायता प्रदान की जाएगी, जो मीडिया क्षेत्र के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को और अधिक उजागर करता है। उन्होंने प्रस्ताव दिया कि प्रेस दिवस 1 जुलाई को मनाया जाए, जो मंगलुरु समाचार पत्र की स्थापना के साथ मेल खाता है।
उन्होंने स्वतंत्र और स्वतंत्र प्रेस के महत्व पर जोर देते हुए अपने भाषण का समापन किया, जिसे उन्होंने लोकतंत्र का चौथा स्तंभ बताया। उन्होंने कहा, “यदि इस क्षेत्र को खतरों का सामना करना पड़ता है, तो लोकतंत्र खुद खतरे में है।” उन्होंने सभी से पत्रकारिता में सच्चाई को बनाए रखने के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया।