बेंगलुरु, 10 सितंबर — कर्नाटक सरकार ने अपनी पांच गारंटी योजनाओं को लागू करने के लिए धन की कमी का हवाला देते हुए 60 लाख राशन कार्ड रद्द करने की योजना की घोषणा की है। विपक्षी नेता आर. अशोक ने कांग्रेस सरकार की आलोचना करते हुए आरोप लगाया है कि यह कदम धन जुटाने के लिए एक हताशापूर्ण उपाय है और प्रशासन पर गरीबों में भ्रम और दहशत पैदा करने का आरोप लगाया है।
दिल्ली रवाना होने से पहले हवाई अड्डे पर मीडिया प्रतिनिधियों से बात करते हुए अशोक ने कहा, “सरकार धन जुटाने के लिए राशन कार्डों को खत्म कर रही है, जिससे तीन से चार हजार करोड़ रुपये एकत्र होने की उम्मीद है। ऐसा प्रतीत होता है कि पूरी प्रशासनिक मशीनरी अव्यवस्थित है।”
अशोक ने कांग्रेस सरकार पर कर्नाटक में व्यापार के अनुकूल माहौल बनाने में विफल रहने का भी आरोप लगाया, जिसके कारण उद्योग राज्य से बाहर जा रहे हैं। भाजपा ने निराशा व्यक्त करते हुए कहा है कि कांग्रेस की नीतियों और खराब शासन के कारण निवेश और व्यावसायिक गतिविधि में उल्लेखनीय गिरावट आई है।
भाजपा के संदेश में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि पिछली भाजपा सरकार के दौरान, कर्नाटक भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में अग्रणी था, यहां तक कि कोविड-19 महामारी के कारण वैश्विक आर्थिक मंदी के दौरान भी। हालांकि, उनका तर्क है कि मौजूदा कांग्रेस सरकार के कुप्रबंधन के कारण निवेश में गिरावट आई है और एफडीआई रैंकिंग में शीर्ष स्थान से दूसरे स्थान पर आ गया है।
भाजपा ने सोशल मीडिया के माध्यम से राज्य सरकार की आलोचना की तथा वर्तमान प्रशासन के प्रदर्शन के प्रति अपनी नाराजगी को रेखांकित करने के लिए गड्ढों और कूड़े के ढेर की तस्वीरों का उपयोग किया।
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