बहुआयामी अभिनेत्री, निर्देशक और निर्माता कंगना रनौत को पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी के जीवन पर आधारित उनकी बहुप्रतीक्षित फिल्म “इमरजेंसी” के लिए हरी झंडी मिल गई है। सेंसर बोर्ड के साथ लंबे संघर्ष के बाद, प्रोडक्शन टीम समीक्षा समिति द्वारा अनुशंसित परिवर्तनों को लागू करने के लिए सहमत हो गई है। टीम ने बॉम्बे हाई कोर्ट को इस घटनाक्रम के बारे में सूचित किया, जिससे फिल्म की रिलीज का मार्ग प्रशस्त हो गया, जिसमें पहले सेंसर प्रमाणपत्र की कमी के कारण देरी हुई थी। 3 अक्टूबर को होने वाली सुनवाई अंतिम कदम तय करेगी।
रिलीज़ अपडेट: सेंसर बोर्ड द्वारा सुझाए गए बदलावों पर प्रोडक्शन टीम की सहमति के बाद फिल्म “इमरजेंसी” अब रिलीज़ के लिए तैयार है।
कोर्ट की अधिसूचना: कंगना की टीम ने बॉम्बे हाई कोर्ट को बोर्ड की सिफारिशों का पालन करने की अपनी इच्छा के बारे में सूचित किया, जो फिल्म की रिलीज में प्रगति का संकेत है।
प्रारंभिक असफलताएँ: सेंसर बोर्ड ने शुरू में संशोधन की आवश्यकता का हवाला देते हुए प्रमाण पत्र देने से इनकार कर दिया था, जिसके कारण फिल्म की रिलीज़ में देरी हुई।
सामुदायिक चिंताएँ: सिख समुदाय की ओर से काफी तीखी प्रतिक्रिया हुई है, उनका मानना है कि फिल्म उनकी विरासत का अनादर करती है, जिससे ऐतिहासिक घटनाओं के चित्रण को लेकर चिंताएँ बढ़ गई हैं।
फिल्म विवरण: इंदिरा गांधी द्वारा घोषित 1975 के आपातकाल की पृष्ठभूमि पर आधारित इस फिल्म में कंगना अभिनेता अनुपम खेर, मिलिंद सोमन और श्रेयस तलपड़े के साथ मुख्य भूमिका में हैं।
राजनीतिक प्रभाव: संसद सदस्य के रूप में, फिल्म उद्योग में कंगना की भागीदारी उनकी दोहरी भूमिकाओं के बारे में बातचीत को बढ़ावा देती रहती है, खासकर उनके राजनीतिक बयानों और सिनेमा में भविष्य के बारे में।