जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (जेकेसीए) मामले में पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और कई अन्य के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर आरोपपत्रों को खारिज कर दिया।
उच्च न्यायालय ने जेकेसीए में वित्तीय अनियमितताओं की जांच के तहत ईडी द्वारा अब्दुल्ला के खिलाफ लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया।
फरवरी में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष को नया समन जारी किया था। अब्दुल्ला द्वारा पिछले समन पर उपस्थित न होने के बाद नया समन जारी किया गया था।
अब्दुल्ला पर 2022 में संघीय एजेंसी द्वारा आरोप लगाया गया था।
समाचार रिपोर्टों के अनुसार, यह मामला जेकेसीए से धन को असंबद्ध पक्षों के विभिन्न व्यक्तिगत बैंक खातों में कथित रूप से स्थानांतरित करने से संबंधित है, जिसमें जेकेसीए के पदाधिकारी भी शामिल हैं।
यह भी आरोप लगाया गया कि जेकेसीए के बैंक खातों से बिना किसी कारण के नकदी निकाली गई। यह घोटाला कथित तौर पर 2001 से 2012 के बीच हुआ, जब अब्दुल्ला जेकेसीए के अध्यक्ष थे।
रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने जेकेसीए को 112 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की थी। इस राशि में से 43.6 करोड़ रुपये कथित तौर पर निकाल लिए गए। ईडी ने आरोप लगाया था कि उसने 51.90 करोड़ रुपये को अपराध की आय के रूप में पहचाना। केंद्रीय एजेंसी ने इन 51.90 करोड़ रुपये में से 21.55 करोड़ रुपये की संपत्ति भी जब्त की।
आज जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय के फैसले के बाद अब्दुल्ला के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं के आरोप खारिज हो गए।
जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (जेकेसीए) मामले में पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और कई अन्य के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर आरोपपत्रों को खारिज कर दिया।
उच्च न्यायालय ने जेकेसीए में वित्तीय अनियमितताओं की जांच के तहत ईडी द्वारा अब्दुल्ला के खिलाफ लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया।
फरवरी में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष को नया समन जारी किया था। अब्दुल्ला द्वारा पिछले समन पर उपस्थित न होने के बाद नया समन जारी किया गया था।
अब्दुल्ला पर 2022 में संघीय एजेंसी द्वारा आरोप लगाया गया था।
समाचार रिपोर्टों के अनुसार, यह मामला जेकेसीए से धन को असंबद्ध पक्षों के विभिन्न व्यक्तिगत बैंक खातों में कथित रूप से स्थानांतरित करने से संबंधित है, जिसमें जेकेसीए के पदाधिकारी भी शामिल हैं।
यह भी आरोप लगाया गया कि जेकेसीए के बैंक खातों से बिना किसी कारण के नकदी निकाली गई। यह घोटाला कथित तौर पर 2001 से 2012 के बीच हुआ, जब अब्दुल्ला जेकेसीए के अध्यक्ष थे।
रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने जेकेसीए को 112 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की थी। इस राशि में से 43.6 करोड़ रुपये कथित तौर पर निकाल लिए गए। ईडी ने आरोप लगाया था कि उसने 51.90 करोड़ रुपये को अपराध की आय के रूप में पहचाना। केंद्रीय एजेंसी ने इन 51.90 करोड़ रुपये में से 21.55 करोड़ रुपये की संपत्ति भी जब्त की।
आज जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय के फैसले के बाद अब्दुल्ला के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं के आरोप खारिज हो गए।