कांग्रेस पार्टी ने सोमवार को आगामी जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की तीसरी सूची जारी की। 19 उम्मीदवारों में से पार्टी ने बिश्नाह से पूर्व एनएसयूआई प्रमुख नीरज कुंदन को मैदान में उतारा है। नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के पूर्व प्रमुख नीरज कुंदन बिश्नाह से चुनाव लड़ेंगे। चौधरी लाल सिंह को बसोहली से मैदान में उतारा गया है, जबकि रमन भल्ला आरएस पुरा-जम्मू दक्षिण सीट से चुनाव लड़ेंगे।
अन्य प्रमुख उम्मीदवारों में वागूरा-क्रीरी से इरफान हफीज लोन, उधमपुर पश्चिम से शिखर मंगोत्रा, बिलावर से मनोहर लाल शर्मा, नगरोटा से बलबीर सिंह, जम्मू पश्चिम से ठाकुर मनमोहन सिंह, जम्मू पूर्व से योगेश साहनी और सांबा से कृष्ण देव सिंह शामिल हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष श्री @खड़गे जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए आयोजित ‘केंद्रीय चुनाव समिति’ की बैठक में कांग्रेस की तीसरी सूची शामिल है। pic.twitter.com/5iJBGBV899
— कांग्रेस (@INCIndia) 9 सितंबर, 2024
जम्मू-कश्मीर चुनाव: अब तक कांग्रेस उम्मीदवारों की घोषणा
कांग्रेस पार्टी ने पिछले सप्ताह विधानसभा चुनाव के लिए छह उम्मीदवारों की अपनी दूसरी सूची जारी की थी। इस सूची में सेंट्रल शाल्टेंग से तारिक हमीद कर्रा, रियासी से मुमताज खान, श्री माता वैष्णो देवी से भूपेंद्र जामवाल, राजौरी (एसटी) से इफ्तकार अहमद, थन्नामंडी (एसटी) से शब्बीर अहमद खान और सुरनकोट (एसटी) से मोहम्मद शाहनवाज चौधरी शामिल थे। उम्मीदवारों के नाम तय करने के लिए नई दिल्ली में कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद यह घोषणा की गई। इससे पहले 27 अगस्त को पार्टी ने अपनी पहली सूची जारी की थी, जिसमें डूरू से गुलाम अहमद मीर, बनिहाल से विकार रसूल वानी, अनंतनाग से पीरजादा मोहम्मद सैयद, डोडा से शेख रियाज और अन्य प्रमुख नेताओं के नाम शामिल थे।
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जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस ने नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के साथ गठबंधन किया है। सीट बंटवारे के अनुसार, एनसी 90 में से 51 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि कांग्रेस 32 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। दोनों दल एक-दूसरे के खिलाफ पांच-पांच सीटों पर चुनाव लड़ेंगे, जबकि एक-एक सीट सीपीआई (एम) और पैंथर्स पार्टी के लिए आरक्षित है। इसके अलावा, समाजवादी पार्टी (एसपी) ने इस गठबंधन को समर्थन दिया है। जम्मू-कश्मीर में कुल 90 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें से सात सीटें अनुसूचित जाति (एससी) और नौ अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित हैं।