केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को घोषणा की कि आगामी जम्मू-कश्मीर चुनावों में सरकार का गठन जम्मू के लोगों द्वारा तय किया जाएगा। केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनावों की घोषणा के बाद पहली भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करते हुए शाह ने इस बात पर जोर दिया कि अब अपनी सरकार तय करने की जिम्मेदारी जम्मू के लोगों की है।
अपने संबोधन में शाह ने कश्मीर के युवाओं से नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और कांग्रेस गठबंधन का समर्थन न करने का आह्वान किया और चेतावनी दी कि उनका वोट संभावित रूप से क्षेत्र में आतंकवाद को वापस ला सकता है। उन्होंने युवा मतदाताओं से भविष्य के बारे में सावधानी से विचार करने और ऐसे किसी भी गठबंधन से बचने का आग्रह किया जो कड़ी मेहनत से हासिल की गई शांति को खतरे में डाल सकता है।
अमित शाह ने कांग्रेस-एनसी गठबंधन की आलोचना की
शाह ने कांग्रेस-एनसी गठबंधन की कड़ी आलोचना की और जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने के उनके दावों को खारिज कर दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ही राज्य का दर्जा देने के वादे को पूरा करने का अधिकार रखती है। उन्होंने कांग्रेस पर लोगों को धोखा देने का आरोप लगाते हुए कहा, “जम्मू-कश्मीर के लोगों को बेवकूफ बनाना बंद करो।”
शाह ने विधानसभा चुनावों के बाद राज्य का दर्जा बहाल करने के भाजपा के संकल्प को दोहराया और कहा कि ऐसे मामलों का समाधान केवल भाजपा के नेतृत्व में संसद में ही हो सकता है।
अल्पसंख्यक मुख्यमंत्री के प्रति भाजपा की प्रतिबद्धता
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पहले जम्मू-कश्मीर के अल्पसंख्यक समुदाय से मुख्यमंत्री की नियुक्ति का प्रस्ताव रखा था। शाह के भाषण ने पर्यवेक्षकों को इस बात को लेकर उत्सुक कर दिया कि क्या भाजपा अल्पसंख्यक नेता को मुख्यमंत्री नियुक्त करने का अपना वादा पूरा करेगी या चुनाव के बाद राजनीतिक गतिशीलता बदल सकती है। चुनाव के नतीजे बताएंगे कि मतदाता भाजपा के वादों के प्रति झुकाव रखते हैं या कांग्रेस-एनसी गठबंधन का समर्थन करते हैं।
अमित शाह की राहुल गांधी की आलोचना
अपने भाषण के दौरान शाह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी निशाना साधा और कहा कि भाजपा गुज्जर, बकरवाल, पहाड़ी और दलितों के आरक्षण की रक्षा करेगी। उन्होंने कहा, “चाहे आप कितनी भी कोशिश कर लें, हम आपको उनके आरक्षण में हस्तक्षेप नहीं करने देंगे।”
जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनाव
बहुप्रतीक्षित जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनाव तीन चरणों में होंगे, मतों की गिनती 8 अक्टूबर, 2024 को होगी। चुनाव परिणाम का केंद्र शासित प्रदेश के राजनीतिक परिदृश्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।