विदेश मंत्री एस जयशंकर द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और दोनों देशों के बीच संबंधों को बढ़ाने के अवसर तलाशने के लिए शुक्रवार (9 अगस्त) से मालदीव की दो दिवसीय यात्रा पर जाएंगे।
जयशंकर की यह यात्रा मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की हाल की भारत यात्रा के बाद हो रही है, जहां वे नए मंत्रिमंडल और मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने आए थे।
जयशंकर ने जनवरी 2023 में द्वीप राष्ट्र का दौरा किया था।
विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है, “मालदीव भारत का प्रमुख समुद्री पड़ोसी है और भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति और हमारे विजन ‘सागर’ यानी क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास में एक महत्वपूर्ण साझेदार है।”
इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच घनिष्ठ साझेदारी को मजबूत करना तथा द्विपक्षीय संबंधों को और आगे बढ़ाने के अवसर तलाशना है।
पिछले साल भारत विरोधी अभियान के तहत सत्ता में आने के बाद मुइज़्ज़ू ने यह सुनिश्चित किया कि भारत मालदीव में तैनात 80 से ज़्यादा भारतीय सैन्यकर्मियों को हटा दे, जिसमें करीब 1,192 कोरल द्वीप शामिल हैं। श्री मुइज़्ज़ू द्वारा तय की गई 10 मई की समयसीमा तक सैन्यकर्मियों को तीन विमानन प्लेटफ़ॉर्म से वापस बुला लिया गया और उनकी जगह भारत के आम लोगों को तैनात किया गया।
मुइज्जू मालदीव के ‘भारत समर्थक’ पूर्व राष्ट्रपति मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) के इब्राहिम मोहम्मद सोलिह को हराकर सत्ता में आए थे।
8 से 10 मई तक भारत की अपनी पहली द्विपक्षीय आधिकारिक यात्रा पर आए ज़मीर ने कहा कि उन्होंने और उनके भारतीय समकक्ष एस जयशंकर ने 9 मई को द्विपक्षीय चर्चा की, जिसमें भारत की वित्तीय सहायता से शुरू की गई परियोजनाओं में तेजी लाने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई।
मालदीव के विदेश मंत्री मूसा ज़मीर 8 मई को अपनी पहली द्विपक्षीय आधिकारिक यात्रा पर भारत आए और भारत की वित्तीय सहायता से शुरू की गई परियोजनाओं में तेजी लाने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण मामलों पर चर्चा करने के लिए एस जयशंकर के साथ द्विपक्षीय चर्चा की।
इस वर्ष जून माह में मालदीव के राष्ट्रपति राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे।