मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां सरकारी कॉलेज की छात्राओं ने व्हाट्सएप के जरिए अश्लील और नग्न वीडियो मिलने की शिकायत की है, जिसके बाद उन्हें ब्लैकमेल करने की धमकी दी गई है। लड़कियों को धमकी दी गई है कि अगर वे फिरौती नहीं देंगी तो उनके अश्लील वीडियो उनके माता-पिता को भेज दिए जाएंगे या सार्वजनिक कर दिए जाएंगे। पीड़ितों ने कॉलेज प्रिंसिपल और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। कथित अपराधी खुद को पुलिस अधिकारी बताकर वीडियो शेयर न करने के बदले पैसे मांग रहा है।
परिवारों को ब्लैकमेल और धमकियाँ
मान कुंवर बाई राजकीय महाविद्यालय में प्रथम वर्ष की सभी छात्राओं के अनुसार, जबरन वसूली की शुरुआत करीब चार दिन पहले हुई, जब उन्हें व्हाट्सएप पर अश्लील वीडियो मिलने लगे। जब लड़कियों में से एक ने विरोध करने के लिए भेजने वाले से संपर्क किया, तो उसने गोरखपुर पुलिस स्टेशन से सब-इंस्पेक्टर विक्रम गोस्वामी होने का दावा किया। आरोपी ने धमकी दी कि अगर उन्होंने पैसे नहीं दिए तो वह अश्लील वीडियो और तस्वीरें उनके माता-पिता को भेज देगा और उन्हें ऑनलाइन पोस्ट कर देगा। कई लड़कियों ने अपमान के डर से अपराधी के खाते में पैसे ट्रांसफर कर दिए हैं, जिनमें से कुछ ने 50,000 रुपये तक का भुगतान किया है। हालांकि, ब्लैकमेलर ने और पैसे की मांग जारी रखी।
पुलिस और कॉलेज अधिकारी जांच कर रहे हैं
शिकायत मिलने पर स्थानीय पुलिस ने तुरंत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इस घटना से कॉलेज और कानून प्रवर्तन दोनों ही क्षेत्रों में हड़कंप मच गया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने भी चिंता जताई है और अधिकारियों से जल्द कार्रवाई करने और अपराधी को पकड़ने का आग्रह किया है। साइबर पुलिस विभाग जबरन वसूली के लिए इस्तेमाल किए गए नंबर का पता लगा रहा है, जबकि जिला कलेक्टर और एसपी सहित स्थानीय अधिकारी जांच में शामिल हो गए हैं।
70 से अधिक छात्र प्रभावित बताए गए
प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि 70 से अधिक छात्राएं ब्लैकमेल से प्रभावित हुई हैं। कई छात्राएं अब सवाल उठा रही हैं कि उनके फोन नंबर अपराधी के हाथ कैसे लग गए, जबकि छात्रों के रिकॉर्ड आमतौर पर सुरक्षित रखे जाते हैं। कॉलेज प्रबंधन ने इस बात को लेकर चिंता जताई है कि कहीं आंतरिक कर्मचारियों ने संपर्क जानकारी लीक तो नहीं कर दी।
साइबर जागरूकता अभियान शुरू किया गया
जांच जारी रहने के साथ ही जबलपुर पुलिस ने कॉलेज में साइबर जागरूकता अभियान भी शुरू किया है, ताकि छात्रों को ऑनलाइन अपराधों से खुद को बचाने के तरीके बताए जा सकें। इस बीच, आरोपियों का पता लगाने और उन्हें न्याय के कठघरे में लाने के प्रयास जारी हैं।
यह घटना साइबर अपराध के बढ़ते खतरे और व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा के महत्व को रेखांकित करती है, खासकर युवा और कमजोर व्यक्तियों के बीच। अधिकारियों ने छात्रों और उनके परिवारों से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत रिपोर्ट करने का आग्रह किया है।