उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को कोलकाता बलात्कार-हत्या मामले में नई रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया, क्योंकि केंद्रीय जांच एजेंसी ने मामले में फोरेंसिक रिपोर्ट पर संदेह जताया था।
सीबीआई की ओर से पेश हुए एसजी तुषार मेहता ने कहा कि वे नमूनों को नए सिरे से जांच के लिए एम्स दिल्ली और अन्य सीएफएसएल में भेजने की योजना बना रहे हैं। एसजी मेहता ने कहा कि “नमूने किसने लिए” यह एक प्रासंगिक प्रश्न बनकर उभरा है।
एसजी मेहता ने कहा, “हमारे पास फोरेंसिक जांच रिपोर्ट है और एक बात स्वीकार की गई है कि जब लड़की सुबह 9:30 बजे मिली थी, तो उसकी जींस और अंडरगारमेंट्स उतारे गए थे और पास में पड़े थे…शरीर पर अर्ध-नग्न और चोट के निशान भी पाए गए थे…उन्होंने नमूने ले लिए हैं। उन्हें पश्चिम बंगाल में सीएफएसएल भेजा गया था। परिणाम देखें…सीबीआई ने नमूने एम्स और कुछ अन्य प्रयोगशालाओं में भेजने का निर्णय लिया है।”
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जांच के बारे में ज्यादा जानकारी दिए बिना, सीबीआई ने कोलकाता स्थित केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) की रिपोर्ट के निष्कर्षों पर चिंता जताई।
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, “हमने जांच की आगे की प्रक्रिया देखी है, हम इस पर खुली अदालत में कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते। हम स्थिति रिपोर्ट चाहते हैं… हम इस पर मंगलवार को सुनवाई करेंगे, सीबीआई को उनके द्वारा की जा रही जांच और उनके सुरागों के आधार पर आगे बढ़ने दें।”