29 फरवरी, 2024 तक देश में चीनी का उत्पादन लगभग 255.5 लाख टन (डायवर्सन के बाद शुद्ध चीनी) था, और देश में अभी भी 466 चीनी मिलें चल रही हैं।
29 फरवरी, 2024 तक देश में चीनी का उत्पादन लगभग 255.5 लाख टन (डायवर्सन के बाद शुद्ध चीनी) था, और देश में अभी भी 466 चीनी मिलें चल रही हैं।
इस्मा ने एक प्रेस नोट में कहा कि भारतीय चीनी एवं जैव-ऊर्जा निर्माता संघ (इस्मा) की कार्यकारी समिति की बैठक में यह जानकारी दी गई, जिसमें देश भर के चीनी उत्पादक शामिल हैं। इस्मा की 12 मार्च, 2024 को हुई बैठक में यह जानकारी दी गई।
समिति ने विभिन्न राज्यों में चीनी रिकवरी, गन्ना उपज, शेष कटाई योग्य क्षेत्र/गन्ना तथा मिलों के बंद होने की संभावित तिथियों पर चर्चा की तथा इस बात पर सहमति व्यक्त की कि महाराष्ट्र और कर्नाटक में गन्ने की उपलब्धता पहले की अपेक्षा अधिक है।
हालाँकि, एक अन्य प्रमुख राज्य उत्तर प्रदेश में गन्ने की उपलब्धता पहले के अनुमानों से कम रहने का अनुमान है।
तदनुसार, इस्मा ने 2023-24 चीनी सीजन (इथेनॉल में परिवर्तन से पहले) के लिए अपने अखिल भारतीय चीनी उत्पादन अनुमान को संशोधित कर 340 लाख टन कर दिया है, जबकि जनवरी, 2024 में जारी इसके पहले के अनुमान 330.5 लाख टन थे।
चालू सीजन में महाराष्ट्र और कर्नाटक में मिलों के बंद होने की दर पिछले वर्ष की तुलना में धीमी है, जिससे संकेत मिलता है कि इन राज्यों में इस वर्ष सीजन का अंतिम चरण लंबा हो सकता है।