रुद्रपुर, उत्तराखंड: गुजरात मेल के लोको-पायलट ने बिलासपुर रोड और रुद्रपुर के बीच रेलवे ट्रैक पर रखे छह मीटर लंबे लोहे के खंभे को देखा, जिससे संभावित पटरी से उतरने की घटना बाल-बाल बच गई। यह घटना एक परेशान करने वाली प्रवृत्ति का हिस्सा है, क्योंकि सुरक्षा एजेंसियों ने पिछले साल दो दर्जन से अधिक ऐसी तोड़फोड़ की कोशिशों की सूचना दी है।
18 सितंबर को नैनी जन शताब्दी एक्सप्रेस के ड्राइवर ने पटरियों पर लोहे का खंभा देखकर आपातकालीन ब्रेक लगा दिए। भारतीय रेलवे ने पुष्टि की है कि ड्राइवर ने तुरंत रुद्रपुर सिटी स्टेशन मास्टर को अवरोध की सूचना दी और यात्रा जारी रखने से पहले सुरक्षित रूप से ट्रैक को साफ कर दिया। अधिकारियों ने सुझाव दिया है कि यह तोड़फोड़ की एक जानबूझकर की गई कार्रवाई हो सकती है।
तोड़फोड़ की बढ़ती घटनाएं
यह घटना अकेले सितंबर में हुई पांचवीं घटना है, जो रेलवे सुरक्षा के बारे में बढ़ती चिंताओं को उजागर करती है। हाल ही में, मथुरा जिले के वृंदावन के पास एक मालगाड़ी के 25 डिब्बे पटरी से उतर गए, जिससे लगभग 30 ट्रेनों की सेवाएं बाधित हुईं। हालांकि उस पटरी से उतरने का कारण अभी भी जांच के दायरे में है, लेकिन अधिकारी गड़बड़ी की संभावना से इनकार नहीं कर रहे हैं।
इस महीने की शुरुआत में एक और चौंकाने वाली घटना में, पश्चिमी समर्पित मालवाहक गलियारे की पटरियों पर सीमेंट के ब्लॉक पाए गए। सरधना और बांगड़ स्टेशनों के बीच एक मालगाड़ी इन ब्लॉकों से टकरा गई, लेकिन सौभाग्य से कोई खास नुकसान नहीं हुआ।
कानपुर में एक अलग घटना में, भिवानी-प्रयागराज कालिंदी एक्सप्रेस के ड्राइवर ने समय रहते ट्रैक पर रखे एलपीजी सिलेंडर को खोज लिया, जिससे संभावित दुर्घटना टल गई। जांचकर्ताओं को पास में एक माचिस और एक बोतल मिली, जिससे जानबूझ कर की गई तोड़फोड़ का संदेह और बढ़ गया।
सरकार की प्रतिक्रिया
इन परेशान करने वाली घटनाओं के बीच, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जोर देकर कहा कि गहन जांच जारी है। उन्होंने स्थिति को “संवेदनशील” बताया और कहा कि एक चिंताजनक प्रवृत्ति उभर रही है जिसे गंभीरता से संबोधित किया जाना चाहिए।
गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि रेल दुर्घटनाओं को अंजाम देने की किसी भी साजिश से तुरंत निपटा जाएगा। उन्होंने देश के 1.10 लाख किलोमीटर से अधिक लंबे रेलवे नेटवर्क की सुरक्षा बढ़ाने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), रेलवे पुलिस और गृह मंत्रालय को शामिल करते हुए एक व्यापक योजना की घोषणा की।
शाह ने लोगों को भरोसा दिलाया कि सरकार इन घटनाओं के मूल कारणों की पहचान करने और सुरक्षा संबंधी किसी भी कमी को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “चाहे जो भी कारण हो, सरकार इस मुद्दे को सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध है।”
जांच जारी रहने के कारण, रेलवे समुदाय और यात्री हाई अलर्ट पर हैं तथा रेलवे को तोड़फोड़ से बचाने तथा सभी यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े उपायों की वकालत कर रहे हैं।