भारत के फार्मास्युटिकल और मेडिटेक निर्यात में वृद्धि हुई है, जो वित्त वर्ष 2015 के पहले चार महीनों के दौरान चौथा सबसे बड़ा निर्यातित सामान बन गया है। फार्मा सचिव अरुणीश चावला के अनुसार, वैश्विक आर्थिक मंदी के बावजूद सरकार इस वृद्धि को बनाए रखने को लेकर आशावादी है।
भारत में उत्पादन के लिए पाइपलाइन में 16 ब्लॉकबस्टर अणुओं के साथ, दवा विकास में उद्योग का समर्थन करने के प्रयास चल रहे हैं। इनमें कैंसर, मधुमेह और एचआईवी सहित अन्य उपचार शामिल हैं। इन 16 अणुओं के निर्माताओं को प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना के तहत प्रोत्साहन से लाभ होगा।
इसके अतिरिक्त, सरकार अमीनो एसिड, न्यूक्लियोटाइड और वैक्सीन कच्चे माल जैसे आवश्यक अणुओं के उत्पादन सहित जैविक संस्थाओं के मूल्य श्रृंखला को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इस रणनीति से भारत के फार्मास्युटिकल और बायोटेक क्षेत्रों को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।