इटली, रूस, संयुक्त अरब अमीरात, जर्मनी और तुर्की भारत के प्रमुख कॉफी निर्यात गंतव्य हैं।
रोबस्टा कॉफी की अधिक मांग के कारण इस वर्ष जनवरी-मार्च की अवधि में भारत से कॉफी का निर्यात 13.35 प्रतिशत बढ़कर 1,25,631 टन हो गया। एशिया का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक देश भारत अरेबिका और रोबस्टा किस्म की कॉफी उगाता है।
इटली, रूस, संयुक्त अरब अमीरात, जर्मनी और तुर्की भारत के लिए प्रमुख कॉफ़ी निर्यात गंतव्य हैं। देश ने 2023 में इसी अवधि में 1,10,830 टन कॉफ़ी का निर्यात किया था।
अरेबिका कॉफी बीन में रोबस्टा की तुलना में कैफीन की मात्रा कम होती है। अरेबिका का स्वाद मीठा और चिकना होता है, जबकि रोबस्टा आम तौर पर ज़्यादा कड़वा और स्वाद कलियों पर कठोर होता है।
भारतीय कॉफी बोर्ड के ताजा आंकड़ों के अनुसार, 2024 कैलेंडर वर्ष की पहली तिमाही में रोबस्टा कॉफी बीन्स का निर्यात 18 प्रतिशत बढ़कर 69,637 टन हो गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 59,050 टन था। हालांकि, अरेबिका कॉफी बीन्स का निर्यात उक्त अवधि के 15,468 टन से घटकर 13,419 टन रह गया।
इस साल जनवरी-मार्च के दौरान इंस्टेंट कॉफी का निर्यात 16,218 टन बढ़ा, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 15,238 टन था। वहीं कॉफी का पुनः निर्यात भी 20,952 टन से बढ़कर 26,239 टन हो गया। मूल्य के लिहाज से जनवरी-मार्च 2024 के दौरान कुल कॉफी निर्यात 3,644 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले इसी अवधि में हासिल किए गए 2,604.44 करोड़ रुपये से अधिक है। प्रति टन यूनिट मूल्य प्राप्ति 2,90,057 रुपये रही।
बोर्ड ने अपने पोस्ट-ब्लॉसम अनुमान में 2023-24 मार्केटिंग वर्ष (अक्टूबर-सितंबर) के लिए देश का कुल कॉफी उत्पादन 3,74,200 टन रहने का अनुमान लगाया है, जो पिछले वर्ष के 3,52,000 टन के वास्तविक उत्पादन से अधिक है। पूरे 2023 कैलेंडर वर्ष में भारत का कॉफी निर्यात 5.4 प्रतिशत घटकर 3.77 लाख टन रह गया था।