‘अग्निपथ परिवर्तनकारी योजना, क्षमता बढ़ाने में सेनाओं को मिल रहा सरकार का सहयोग’: भारतीय नौसेना प्रमुख

'अग्निपथ परिवर्तनकारी योजना, क्षमता बढ़ाने में सेनाओं को मिल रहा सरकार का सहयोग': भारतीय नौसेना प्रमुख


छवि स्रोत : इंडिया टीवी भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी

भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने शनिवार (10 अगस्त) को सशस्त्र बलों के लिए अग्निपथ भर्ती पद्धति को एक “परिवर्तनकारी” योजना करार दिया और कहा कि यह देश के युवाओं को सेना में सेवा करने का सुनहरा अवसर देता है। उन्होंने यह भी कहा कि सेना की तैयारी एक “निरंतर प्रक्रिया” है और कहा कि सरकार नौसेना को आगे बढ़ाने में “काफी सहयोग” दे रही है।

इंडिया टीवी के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में नौसेना प्रमुख ने कहा, “अग्निपथ एक बहुत ही परिवर्तनकारी योजना है। यह युवाओं के लिए देश की सशस्त्र सेनाओं में काम करने का एक सुनहरा अवसर है और अगर वे चाहें तो किसी अन्य पेशे में भी जा सकते हैं। अग्निवीरों में उत्साह वैसा ही है जैसा पहले बैच में था।”

नौसेना की युद्ध क्षमताएं

किसी भी युद्ध चुनौती के लिए नौसेना की तैयारी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में युद्ध क्षमताओं में वृद्धि हुई है तथा इस वर्ष के बजट में पर्याप्त धनराशि के आवंटन से इसमें और वृद्धि होगी।

एडमिरल त्रिपाठी ने कहा, “हमारी तैयारी एक सतत प्रक्रिया है। मुझसे पहले 25 नौसेना प्रमुखों की दूरदर्शिता और नेतृत्व के कारण ही हमारी नौसेना आज इस मुकाम पर पहुंची है। मैं 26वें नौसेना प्रमुख के रूप में इसे आगे बढ़ाऊंगा और हमें इसमें हमारी सरकार से काफी सहयोग मिल रहा है। इस साल के बजट में हमें अच्छी खासी धनराशि आवंटित की गई है। इससे हमारी लड़ाकू क्षमता को लाभ मिलेगा।”

भारतीय नौसेना में भविष्य के हथियार

भविष्य में नौसेना में शामिल किए जाने वाले हथियारों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, “हम राफेल एम विमान को नौसेना में शामिल करने की कोशिश कर रहे हैं, प्रीडेटर के लिए भी बातचीत चल रही है। बदलते युद्ध के कारण कमजोर क्षेत्रों को दूर करने और इसे और मजबूत करने के लिए विभिन्न क्षमता संवर्द्धन किए जा रहे हैं।”

इस साल जून की शुरुआत में भारत और फ्रांस भारतीय नौसेना के लिए 26 राफेल समुद्री लड़ाकू विमान सौदे के लिए कीमत और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत कर रहे थे। यह बातचीत पहले 30 मई को होनी थी, लेकिन देश में लोकसभा चुनावों के मद्देनजर इसे जून के दूसरे सप्ताह तक के लिए टाल दिया गया था। यह बातचीत ऐसे समय हो रही थी, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने तीसरे कार्यकाल में पहली बार जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इटली की यात्रा पर थे।

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