नई दिल्ली – भारत ने 6 सितंबर, 2024 को ओडिशा के एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से परमाणु-सक्षम मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल (आईआरबीएम) अग्नि-4 का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। यह सफल परीक्षण दो साल के अंतराल के बाद हुआ है, पिछला परीक्षण 6 जून, 2022 को किया गया था।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित अग्नि-4 मिसाइल को एक टन का परमाणु हथियार ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है और इसकी मारक क्षमता लगभग 4,000 किलोमीटर है। मिसाइल का सफल प्रक्षेपण भारत की अपनी विश्वसनीय न्यूनतम प्रतिरोध क्षमता को बनाए रखने की निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाता है। परीक्षण के दौरान मिसाइल ने सभी परिचालन मापदंडों को पूरा किया।
सामरिक बल कमान ने इस परीक्षण को एक नियमित प्रशिक्षण प्रक्षेपण बताया जिसका उद्देश्य मिसाइल के प्रदर्शन और परिचालन तत्परता की पुष्टि करना था। अग्नि-4 मिसाइल की क्षमताएँ महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि यह चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों के लिए एक रणनीतिक चुनौती है, जो इस मिसाइल को क्षेत्रीय सुरक्षा गतिशीलता में एक महत्वपूर्ण तत्व मानते हैं।
भारत की रक्षा रणनीति एक मजबूत और विश्वसनीय प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने पर जोर देती है, और अग्नि-4 का सफल परीक्षण देश की शक्ति प्रक्षेपण और अपने सामरिक हितों को सुरक्षित करने की क्षमता को रेखांकित करता है।