स्वतंत्रता दिवस: श्याम बेनेगल से लेकर तिग्मांशु धूलिया तक, देशभक्ति पर मशहूर निर्देशकों की अनमोल बातें

स्वतंत्रता दिवस: श्याम बेनेगल से लेकर तिग्मांशु धूलिया तक, देशभक्ति पर मशहूर निर्देशकों की अनमोल बातें


छवि स्रोत : IMDB बड़े निर्देशकों द्वारा देशभक्ति पर कम आंकी गई अनमोल कृतियाँ

78 साल पहले 15 अगस्त को आधी रात को भारत को आज़ादी मिली थी। इतिहासकारों ने इस ऐतिहासिक घटना को अलग-अलग तरीकों से दर्ज किया। भारतीय सिनेमा ने भी आज़ादी के इस पल, उस तक पहुँचने के लिए हुए छोटे-बड़े संघर्षों और उसके वाहकों को जगह दी। इन पर फ़िल्में, वेब सीरीज़ और डॉक्यूमेंट्रीज़ बनीं। लेकिन आज हम सिर्फ़ ऐसे कंटेंट की बात नहीं करेंगे जो भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन को कवर करता हो। हम ऐसे कंटेंट की बात करेंगे जो आज़ादी के साथ-साथ चला, जो भारत के निर्माण की गौरवशाली कहानी कहता हो। आज हम कुछ चुनिंदा कंटेंट की बात करेंगे जो आज़ादी की भावना को व्यक्त करते हैं। यहाँ उन फ़िल्मों और सीरीज़ की सूची दी गई है जो बड़े निर्देशकों ने दुनिया को भारत के वास्तविक स्वतंत्रता संग्राम के बारे में बताने के लिए बनाई हैं।

गांधी (1982)

निर्देशक: रिचर्ड एटनबरो

रिचर्ड एटनबरो द्वारा निर्देशित ‘गांधी’ महात्मा गांधी के जीवन पर बनी सर्वश्रेष्ठ फिल्म मानी जाती है। इसमें दिखाया गया है कि कैसे एक गिरमिटिया मजदूर भारत लौटता है और दुनिया का सबसे बड़ा स्वतंत्रता आंदोलन शुरू करता है और देश को एक नई दिशा देता है। इसमें बेन किंग्सले ने गांधी की भूमिका निभाई थी। इस फिल्म को बेस्ट फिल्म समेत कुल 8 ऑस्कर मिले थे।

तमस (1988)
निर्देशक: गोविंद निहलानी

1988 में रिलीज हुई यह टेलीविजन फिल्म भीष्म साहनी के उपन्यास ‘तमस’ पर आधारित है। इसकी कहानी भारत-पाक विभाजन के दौरान की है। यह फिल्म पाकिस्तान में भड़के दंगों और उससे पीड़ित सिख-हिंदू परिवारों की मार्मिक कहानी है। पहले इसे दूरदर्शन पर मिनी-सीरीज के तौर पर प्रसारित किया गया, फिर करीब 5 घंटे की फिल्म के तौर पर। ‘तमस’ ने सर्वश्रेष्ठ फिल्म समेत कुल तीन राष्ट्रीय पुरस्कार जीते। इसमें ओम पुरी, दीपा साही, सुरेखा सीकरी और पंकज कपूर जैसे काबिल कलाकार थे।

द मेकिंग ऑफ द महात्मा (1996)
निर्देशक: श्याम बेनेगल

श्याम बेनेगल द्वारा निर्देशित यह फिल्म गांधी के साउथ अफ्रीका में बिताए समय की कहानी है। यह फिल्म फातिमा मेरे की किताब ‘अप्रेंटिसशिप ऑफ महात्मा’ पर आधारित है। साउथ अफ्रीका और भारत के इस संयुक्त उपक्रम में रजित कपूर और पल्लवी जोशी मुख्य भूमिका में थे। यह फिल्म जियो सिनेमा पर उपलब्ध होगी

काला पानी (1996)
निर्देशक: प्रियदर्शन

1996 में आई फिल्म ‘काला पानी’ सेलुलर जेल में कैद भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों की जीवन गाथा है। यह फिल्म काला पानी की सजा के दौरान कैदियों की यातनाओं और संघर्ष की कहानी है। इस मलयालम फिल्म में मोहनलाल, तब्बू और अमरीश पुरी समेत कुछ चुनिंदा कलाकारों ने काम किया था। इसे हिंदी में डब करके ‘सजा-ए-काला पानी’ के नाम से रिलीज किया गया। संतोष सिवन को ‘काला पानी’ के लिए बेस्ट सिनेमैटोग्राफी समेत कुल चार राष्ट्रीय पुरस्कार मिले।

राग देश (2017)
निर्देशक: तिग्मांशु धूलिया

‘राग देश’ एक ऐतिहासिक ड्रामा फिल्म है। यह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद लाल किले में आजाद हिंद फौज के सैनिकों पर चले मुकदमे की कहानी है। इसे तिग्मांशु धूलिया ने राज्यसभा टीवी के लिए बनाया है। ‘राग देश’ में कुणाल कपूर, अमित साध और विजय वर्मा मुख्य भूमिका में हैं।

हे राम (2000)

निर्देशक: कमल हासन

‘हे राम’ भारत के विभाजन और महात्मा गांधी की हत्या की पृष्ठभूमि पर बनी है। इसे तमिल और हिंदी दोनों भाषाओं में बनाया गया था। कमल हासन द्वारा निर्देशित इस फिल्म में खुद कमल हासन ने मुख्य भूमिका निभाई थी। उनके साथ शाहरुख खान, रानी मुखर्जी और नसीरुद्दीन शाह ने भी अहम भूमिकाएँ निभाई थीं। इसे ऑस्कर में भारत की आधिकारिक प्रविष्टि के रूप में भेजा गया था। ‘हे राम’ ने 47वें राष्ट्रीय पुरस्कारों में तीन पुरस्कार जीते। यह फिल्म प्राइम वीडियो पर उपलब्ध है।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस: द फॉरगॉटन हीरो (2004)
निर्देशक: श्याम बेनेगल

2004 में बनी यह फिल्म नेता जी सुभाष चंद्र बोस के जीवन पर आधारित है। इसमें दिखाया गया है कि कैसे नेताजी ने अंग्रेजों को कड़ी टक्कर दी और भारत की आजादी में अहम भूमिका निभाई। श्याम बेनेगल द्वारा निर्देशित इस फिल्म ने दो राष्ट्रीय पुरस्कार जीते। इसमें सचिन खेडेकर ने नेताजी की भूमिका निभाई थी।

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