यदि आप पीसीओएस या पीसीओडी को नियंत्रित करना चाहते हैं और आसानी से गर्भधारण करना चाहते हैं तो इन हर्बल चाय को अपने आहार में शामिल करें।
पीसीओएस या पीसीओडी मासिक धर्म से जुड़ी एक समस्या है जिसका सामना आजकल ज़्यादातर महिलाएं और लड़कियां कर रही हैं। आपको बता दें कि अनियमित जीवनशैली, खान-पान की खराब आदतें और व्यायाम की कमी के कारण पीसीओडी की समस्या शुरू होती है। पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं को अनियमित पीरियड्स, बांझपन, हर्सुटिज़्म, मूड स्विंग्स, मुंहासे, डिप्रेशन, मोटापा और हाई एंड्रोजन जैसी कई गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है। खास तौर पर, इस समस्या से पीड़ित महिलाएं जल्दी गर्भधारण नहीं कर पाती हैं। ऐसे में महिलाओं का आत्मविश्वास टूट जाता है और वे खुद को असहाय महसूस करती हैं।
आपको बता दें कि पीसीओएस को ठीक करना इतना भी मुश्किल नहीं है। आपको अपनी जीवनशैली में सुधार करना होगा। आपको समय पर सोना, नियमित कसरत और स्वस्थ आहार लेना शुरू करना होगा। हालांकि, इस प्रक्रिया में लंबा समय लग सकता है, इसलिए आपको खुद पर और अपने धैर्य पर भरोसा रखना चाहिए। इसके अलावा पीसीओएस की समस्या को जल्दी ठीक करने के लिए आपको अपनी डाइट में इन हर्बल ड्रिंक्स को भी शामिल करना चाहिए। तो चलिए जानते हैं पीसीओएस को कंट्रोल करने के लिए कौन सी हर्बल ड्रिंक्स का सेवन करना चाहिए।
पीसीओएस में फायदेमंद हैं ये हर्बल चाय:
पुदीने की चाय: अगर आप बढ़े हुए टेस्टोस्टेरोन या हर्सुटिज़्म से पीड़ित हैं, तो पुदीने की चाय आपके लिए फायदेमंद हो सकती है। यह ओवुलेशन को बढ़ावा देती है और एंड्रोजन को कम करती है। इसे सुबह या शाम पिएं।
तिल-मेथी की चाय: तिल-मेथी की चाय को पीरियड्स चाय कहना ज़्यादा सही है क्योंकि यह अनियमित पीरियड्स को प्राकृतिक रूप से कम करने में मदद करती है। 1 गिलास पानी में 1 चम्मच मेथी, 1 चम्मच तिल, 1 छोटा टुकड़ा गुड़ (5 ग्राम) और 1 चम्मच हल्दी डालकर मध्यम आंच पर 5-7 मिनट तक उबालें। फिर इसे छान लें और गुनगुना रहने पर घूंट-घूंट करके पिएँ। इस चाय को सुबह और शाम खाली पेट पिएँ। आप इसे पीरियड्स आने से एक हफ़्ते पहले से लेकर पीरियड्स आने तक पीना शुरू कर सकती हैं।
बटरफ्लाई पी फ्लावर टी: बटरफ्लाई पी फ्लावर टी अपराजिता के फूलों से बनाई जाती है। यह पीसीओएस के कारण होने वाले मुंहासों को रोकता है और त्वचा को बेहतर बनाने में मदद करता है। यह कोर्टिसोल तनाव को भी कम करता है। इसमें एंथोसायनिन होता है जिसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो इंसुलिन को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।
अदरक-दालचीनी की चाय: अदरक में सूजन-रोधी गुण होते हैं और यह पीसीओएस के लक्षणों और मासिक धर्म के दर्द जैसे ऐंठन, मूड स्विंग और सिरदर्द को नियंत्रित करने में मदद करता है। दालचीनी में कैल्शियम, फाइबर, आयरन और मैंगनीज जैसे खनिज होते हैं। यह टेस्टोस्टेरोन जैसे एंड्रोजन को कम करके हार्मोन को संतुलित करने में मदद करता है।
हिबिस्कस चाय: हिबिस्कस चाय में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और फाइटोकेमिकल्स असंतुलित हार्मोन को ठीक करते हैं और नियमित ओव्यूलेशन को उत्तेजित करते हैं जिससे नियमित मासिक धर्म होता है। आप भोजन से 1-2 घंटे पहले रोजाना हिबिस्कस चाय पी सकते हैं।
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