मौसम परिवर्तन के कारण सर्दी-खांसी से परेशान हैं तो इस आयुर्वेदिक चूर्ण का सेवन करें, जानिए अन्य लाभ

मौसम परिवर्तन के कारण सर्दी-खांसी से परेशान हैं तो इस आयुर्वेदिक चूर्ण का सेवन करें, जानिए अन्य लाभ

छवि स्रोत : FREEPIK सर्दी-खांसी से राहत पाने के लिए इस आयुर्वेदिक चूर्ण का सेवन करें।

जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, उन्हें मौसमी बीमारियां जल्दी घेर लेती हैं। खासकर, ऐसे लोग अक्सर सर्दी-जुकाम और खांसी से परेशान रहते हैं। मौसम परिवर्तन के दौरान कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोग हमेशा सर्दी-जुकाम, खांसी और गले में खराश जैसी समस्याओं से घिरे रहते हैं। ऐसे में जरूरी है कि अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाया जाए। जब ​​आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होगी, तो आपको इन समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा। आयुर्वेद में कई ऐसी जड़ी-बूटियां हैं जो सेहत के लिए फायदेमंद हैं। आयुर्वेदिक त्रिकटु भी उनमें से एक है। इसका सेवन करने से सिर्फ सर्दी-जुकाम और खांसी ही नहीं बल्कि कई गंभीर समस्याएं नियंत्रित रहती हैं। आइए जानते हैं इसके स्वास्थ्य लाभ क्या हैं साथ ही इसे बनाने और इस्तेमाल करने की विधि भी।

त्रिकटु चूर्ण क्या है?

त्रिकटु चूर्ण एक आयुर्वेदिक औषधि है जो सर्दी-खांसी, अपच और कोलेस्ट्रॉल के लिए बहुत फायदेमंद है। इसे बनाने के लिए रसोई के कुछ मसालों का इस्तेमाल किया जाता है। यह चूर्ण गर्म प्रकृति का होता है।

किन समस्याओं में यह लाभदायक है:

त्रिकटु चूर्ण कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों के लिए अमृत के समान है। इसके सेवन से सर्दी-खांसी की समस्या दूर होती है। यह भूख बढ़ाता है और पाचन में मदद करने वाले एंजाइम का उत्पादन करने के लिए पेट को उत्तेजित करता है। यह श्वसन तंत्र के लिए भी बहुत अच्छा है और अस्थमा और एलर्जिक राइनाइटिस को नियंत्रित करने में मदद करता है। यह वसा को जलाता है और खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। यह थायरॉयड से लेकर गले की खराश और टॉन्सिलाइटिस तक सभी गले की बीमारियों में फायदेमंद है।

यह पाउडर कैसे बनाएं?

त्रिकटु चूर्ण बनाने के लिए सोंठ, पीपल और काली मिर्च को बराबर मात्रा में लें। चूंकि इनकी तासीर गर्म होती है, इसलिए आप पीपल और काली मिर्च की मात्रा थोड़ी कम कर सकते हैं। अगर इसका स्वाद बहुत तीखा है, तो इसे खाने में मिलाकर भी लिया जा सकता है। आप आधा चम्मच चूर्ण को शहद में मिलाकर सेवन कर सकते हैं। हालांकि, इसका सेवन करने से पहले आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह लेना सबसे जरूरी है ताकि आप अपनी प्रकृति और बीमारियों के हिसाब से इसकी खुराक और अपने शरीर पर इसके असर को समझ सकें।

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