आईसीएआर प्रमुख ने कहा, जलवायु परिवर्तन के प्रति अनुकूल कृषि सतत विकास के लिए आवश्यक है

आईसीएआर प्रमुख ने कहा, जलवायु परिवर्तन के प्रति अनुकूल कृषि सतत विकास के लिए आवश्यक है

आईसीएआर के महानिदेशक और कृषि अनुसंधान विभाग, नई दिल्ली के सचिव हिमांशु पाठक बुधवार को गुंटूर में सीटीआरआई अनुसंधान केंद्र में केंद्रीय तंबाकू अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए। | फोटो साभार: टी. विजय कुमार

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के महानिदेशक एवं कृषि अनुसंधान विभाग, नई दिल्ली के सचिव हिमांशु पाठक ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन के मद्देनजर सतत विकास के लिए जलवायु-अनुकूल कृषि एक पूर्वापेक्षा है और कृषि वैज्ञानिकों को अपना अनुसंधान इसी पर केंद्रित करना चाहिए।

बुधवार को गुंटूर सीटीआरआई अनुसंधान केंद्र में केंद्रीय तंबाकू अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए डॉ. पाठक ने कहा कि जलवायु परिवर्तन भारतीय कृषि के प्रदर्शन को प्रभावित करने वाली प्रमुख चुनौती है।

डॉ. पाठक ने कहा कि तम्बाकू एक स्वर्णिम फसल है और देश के लाखों किसानों के लिए आर्थिक समृद्धि का प्रतीक है।

आईसीएआर-सीटीआरआई, देश भर में स्थित अपने छह अनुसंधान केन्द्रों के साथ, अपनी स्थापना के बाद से विभिन्न कृषि-पारिस्थितिक क्षेत्रों में उगाए जाने वाले सभी 13 तम्बाकू प्रकारों की जरूरतों को पूरा कर रहा है।

डॉ. पाठक ने कहा कि तम्बाकू उद्योग निर्यात और उत्पाद शुल्क समीक्षा के माध्यम से राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में प्रतिवर्ष लगभग 32,516 करोड़ रुपए का योगदान देता है, जबकि 45.7 मिलियन व्यक्तियों को रोजगार प्रदान करता है।

उन्होंने कहा कि गुंटूर तम्बाकू का एक प्रमुख व्यापार केंद्र है और सीटीआरआई अनुसंधान केंद्र का घर है, जिसे देश में एक प्रतिष्ठित दर्जा प्राप्त है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अभिनव दृष्टिकोण समय की मांग है।

प्रकाशित – 19 जून, 2024 09:06 अपराह्न IST

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