ग्रामीण आवाज़ विशेष: सोलर डिहाइड्रेटर और स्लाइसर से किसानों को कैसे लाभ मिलता है

ग्रामीण आवाज़ विशेष: सोलर डिहाइड्रेटर और स्लाइसर से किसानों को कैसे लाभ मिलता है

मसाले और सब्ज़ियाँ उगाने वाले किसानों को अक्सर अच्छी पैदावार के बाद भी नुकसान उठाना पड़ता है क्योंकि उन्हें बाज़ार में उचित दाम नहीं मिलते। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वे अपनी फसल को नमी की अधिकता के कारण खराब होने के डर से कम कीमत पर बेच देते हैं। मसाला फसलें, खास तौर पर हल्दी और अदरक, सबसे ज़्यादा प्रभावित होती हैं। लेकिन अब नई तकनीक वाले सोलर डिहाइड्रेटर और स्लाइसर से सब्ज़ियों और मसालों को बहुत कम समय में सुखाया जा सकता है और लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है।

मसाले और सब्जियां उगाने वाले किसानों को अक्सर अच्छी पैदावार के बाद भी नुकसान उठाना पड़ता है, क्योंकि उन्हें बाजार में उचित दाम नहीं मिलते। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि वे अपनी फसल को नमी की अधिकता के कारण खराब होने के डर से कम दामों पर बेच देते हैं। मसाला फसलों, खासकर हल्दी और अदरक पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ता है। पहले इन मसाला फसलों को भंडारण से पहले खुले में सुखाया जाता था। लेकिन इसमें समय अधिक लगता था और धूल-मिट्टी, अचानक बारिश, चूहे और कीड़ों के कारण इनके खराब होने का खतरा रहता था। अब जब नई तकनीक वाला सोलर डिहाइड्रेटर और स्लाइसर विकसित हो गया है, तो हल्दी और अदरक समेत 12 तरह की सब्जियों और मसालों को बहुत कम समय में सुखाकर लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है।

रूद्र सोलर एनर्जी, अहमदाबाद के संस्थापक निदेशक देवांग जोशी ने रूरल वॉयस एग्रीटेक शो में सोलर डिहाइड्रेटर और स्लाइसर की तकनीक और इसके फायदों के बारे में बताया। आप ऊपर दिए गए वीडियो लिंक पर क्लिक करके शो का यह एपिसोड देख सकते हैं।

जोशी ने बताया कि नमी की अधिकता के कारण अधिकांश सब्जियां और मसाले जल्दी सड़ने लगते हैं। इस डर से किसान अपनी फसल को कम कीमत पर बेच देते हैं और नुकसान उठाते हैं। वहीं, पारंपरिक तरीके से इन फसलों को सुखाने में समय और मेहनत अधिक लगती है और कई तरह की परेशानियां भी होती हैं। इन समस्याओं को दूर करने के लिए सबसे पहले इलेक्ट्रॉनिक डिहाइड्रेटर और स्लाइसर विकसित किया गया। इससे सब्जियों और मसालों को बहुत कम समय में सुखाकर सुरक्षित रखा जा सकता है। इन्हें ऑफ सीजन के लिए स्टोर किया जा सकता है, जब इन फसलों को बेचकर किसानों को अधिक मुनाफा होता है।

जोशी ने बताया कि अब तकनीक और आगे बढ़ गई है और सोलर डिहाइड्रेटर और स्लाइसर बाजार में आ गए हैं। यह सोलर पैनल से चलता है। यह अदरक सहित कई सब्जियों और मसालों को सुखा सकता है। जोशी ने बताया कि सोलर हल्दी डिहाइड्रेटर एक दिन में मसालों और सब्जियों को सुखा देता है। स्लाइसर उन्हें छोटे-छोटे टुकड़ों में काट देता है, जिससे सुखाने की प्रक्रिया आसान और तेज हो जाती है।

जोशी ने बताया कि यह तकनीक न तो बड़ी है और न ही महंगी। सोलर डिहाइड्रेटर छह फीट लंबे, तीन फीट चौड़े और तीन फीट ऊंचे लोहे के एंगल से बना है। एंगल को पारदर्शी प्लास्टिक शीट से ढका गया है और एक छोटे से दरवाजे की व्यवस्था है, जिसका उपयोग सब्जियों या मसालों को अंदर या बाहर करते समय किया जाता है। इसके ऊपर एक छोटी सोलर पैनल प्लेट लगाई गई है और हवा चलाने के लिए एक कोने में पंखा लगा है। ड्रायर सौर ऊर्जा से चलता है। यह मशीन पूरी तरह से सुरक्षित स्थिति में उपज को सुखाती है। यह फसल को बाहर की धूल और कीड़ों से सुरक्षित रखती है। बाहर सूखने के विपरीत, डिहाइड्रेटर के अंदर हल्दी या सब्जियां साफ रहती हैं और उनका रंग नहीं जाता है। जोशी ने बताया कि मशीन की कीमत आकार के आधार पर 20,000 रुपये से लेकर 1.5 लाख रुपये तक है।

गुजरात के अमरेली स्थित इंडिया फाउंडेशन फॉर ह्यूमेनिस्टिक डेवलपमेंट के एंटरप्राइज डेवलपमेंट मैनेजर कुलदीप दीक्षित ने अमरेली के किसानों को यह तकनीक उपलब्ध कराई है और उन्हें इसका इस्तेमाल करवा रहे हैं। उन्होंने रूरल वॉयस एग्रीटेक शो में बताया कि इस तकनीक से मसाला और सब्जी उगाने वाले किसानों को काफी फायदा हो रहा है। इस तकनीक में फसल को साफ करने के लिए वॉशर, काटने के लिए स्लाइसर, सुखाने के लिए सोलर ड्रायर, अगर फसल को पाउडर बनाना है तो ग्राइंडर और पैकिंग के लिए पैकिंग मशीन की जरूरत होती है। ये सभी सोलर पावर से संचालित होते हैं। किसान इस तकनीक के जरिए अपनी फसल का मूल्य संवर्धन कर रहे हैं और 2-3 गुना ज्यादा मुनाफा कमा रहे हैं।

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