सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को 2021 में पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा से जुड़े मामलों को पश्चिम बंगाल से बाहर ट्रांसफर करने की मांग वाली सीबीआई की याचिका पर उसकी आलोचना की। कोर्ट ने कहा कि एजेंसी पश्चिम बंगाल की पूरी न्यायपालिका पर आक्षेप नहीं लगा सकती।
पीठ ने सीबीआई की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू से कहा, “श्री राजू, इसमें किस तरह के आधार लिए गए हैं? आप पूरी न्यायपालिका पर कैसे संदेह कर सकते हैं। आप ऐसा दिखा रहे हैं जैसे पूरे पश्चिम बंगाल में शत्रुतापूर्ण माहौल है। हो सकता है कि आपके अधिकारी न्यायिक अधिकारी या किसी विशेष राज्य को पसंद न करें, लेकिन यह न कहें कि पूरी न्यायपालिका काम नहीं कर रही है। जिला न्यायाधीश और सिविल न्यायाधीश और सत्र न्यायाधीश यहां आकर अपना बचाव नहीं कर सकते।”
आलोचना के बाद एसवी राजू ने स्थानांतरण याचिका वापस लेने का फैसला किया। उन्होंने अदालत को बताया कि याचिका में कुछ “ढीली ड्राफ्टिंग” थी।
पीठ ने कहा, “पश्चिम बंगाल में सामान्य रूप से सभी अदालतों के खिलाफ निंदनीय आरोप लगाए गए हैं। बार-बार कहा गया है कि अदालतों में शत्रुतापूर्ण माहौल व्याप्त है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्रीय एजेंसी ने पश्चिम बंगाल की अदालतों पर संदेह व्यक्त किया है।”
पिछले साल दिसंबर में याचिका दायर कर मामले को पश्चिम बंगाल से बाहर स्थानांतरित करने की मांग की गई थी। याचिका में दावा किया गया था कि हिंसा से विस्थापित पीड़ितों को सत्तारूढ़ अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) द्वारा उनके घरों में लौटने से रोका जा रहा है। अदालत ने फरवरी में याचिका पर नोटिस जारी किया था।