हरियाणा चुनाव: बृजभूषण का आरोप, हुड्डा परिवार ने पहलवानों का वैसे ही इस्तेमाल किया जैसे पांडवों ने द्रौपदी का किया था

हरियाणा चुनाव: बृजभूषण का आरोप, हुड्डा परिवार ने पहलवानों का वैसे ही इस्तेमाल किया जैसे पांडवों ने द्रौपदी का किया था

गोंडा (उप्र), 8 सितंबर (भाषा) पूर्व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने रविवार को कांग्रेस के हुड्डा परिवार पर आरोप लगाया कि जिस तरह पांडवों ने द्रौपदी को दांव पर लगाया था, उसी तरह पहलवानों को दांव पर लगाकर वे उनके खिलाफ साजिश कर रहे हैं।

भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख सिंह पर पिछले वर्ष कई महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था और उनके खिलाफ जांच की मांग को लेकर कई सप्ताह तक धरना दिया था।

रविवार को अपने आवास पर उन्होंने पत्रकारों से कहा, ”महाभारत में जो जुआ खेला गया था, उसमें द्रौपदी को दांव पर लगाया गया था। पांडव हार गए थे। देश अभी भी उनके ऐसा करने के कारणों को स्वीकार नहीं कर पा रहा है।” उन्होंने कहा, ”हुड्डा परिवार ने…बेटियों और बहनों की इज्जत दांव पर लगाई। आने वाली पीढ़ी उन्हें इसके लिए माफ नहीं करेगी और इसके लिए उन्हें हमेशा दोषी माना जाएगा।” पिछले साल ओलंपिक कांस्य पदक विजेता विनेश फोगट और बजरंग पुनिया के साथ ही ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने आंदोलन की अगुआई की थी।

सिंह ने कहा, “बजरंग पुनिया की मानसिक स्थिति खराब हो गई है। उसने अपनी पत्नी को दांव पर लगा दिया था। मैं उससे पूछना चाहता हूं कि वह ट्रायल के बिना एशियाई खेलों में खेलने क्यों गया?” दिल्ली में पहलवानों के विरोध के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा, “दिल्ली में पहलवानों का कोई विरोध नहीं था। यह एक पारिवारिक विरोध था। जब हम पहलवान कहते हैं, तो एक समूह आता है। क्या पहलवान पंजाब, हरियाणा में नहीं हैं? क्या वे महाराष्ट्र, बिहार, यूपी, बंगाल और हिमाचल में नहीं हैं?” उन्होंने कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा पर दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने का आरोप लगाया। “प्रियंका गांधी भी आती थीं।” शनिवार को कैसरगंज से भाजपा के पूर्व सांसद सिंह ने कहा था कि कांग्रेस ने भारतीय कुश्ती महासंघ पर नियंत्रण करने की “साजिश” में विनेश फोगट और बजरंग पुनिया को “मोहरे” के रूप में इस्तेमाल किया।

सिंह को पहली बार 2012 में दीपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ तीखे मतभेद के बाद डब्ल्यूएफआई का नियंत्रण मिला था।

आंदोलन के कारण कैसरगंज निर्वाचन क्षेत्र से छह बार लोकसभा सांसद रहे सिंह को डब्ल्यूएफआई प्रमुख के पद से हटना पड़ा। वह वर्तमान में एक अदालत में आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे हैं।

उनके पद से हटाए जाने के बाद उनके करीबी संजय सिंह को डब्ल्यूएफआई का प्रमुख चुना गया, लेकिन इस संस्था को अभी तक खेल मंत्रालय से मान्यता नहीं मिली है, हालांकि कुश्ती की विश्व नियामक संस्था यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने इसका समर्थन किया है।

शुक्रवार को फोगट और पुनिया कांग्रेस में शामिल हो गए और उन्होंने “न डरने और न पीछे हटने” की कसम खाई। इसके बाद, कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए 32 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी की, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को गढ़ी सांपला-किलोई, राज्य इकाई के प्रमुख उदयभान को होडल और विनेश फोगट को जुलाना से मैदान में उतारा गया।

(यह रिपोर्ट ऑटो-जेनरेटेड सिंडिकेट वायर फीड के हिस्से के रूप में प्रकाशित की गई है। हेडलाइन के अलावा, एबीपी लाइव द्वारा कॉपी में कोई संपादन नहीं किया गया है।)

यह भी पढ़ें | भाजपा ने बृजभूषण से विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया के खिलाफ टिप्पणी करने से परहेज करने को कहा: रिपोर्ट

गोंडा (उप्र), 8 सितंबर (भाषा) पूर्व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने रविवार को कांग्रेस के हुड्डा परिवार पर आरोप लगाया कि जिस तरह पांडवों ने द्रौपदी को दांव पर लगाया था, उसी तरह पहलवानों को दांव पर लगाकर वे उनके खिलाफ साजिश कर रहे हैं।

भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख सिंह पर पिछले वर्ष कई महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था और उनके खिलाफ जांच की मांग को लेकर कई सप्ताह तक धरना दिया था।

रविवार को अपने आवास पर उन्होंने पत्रकारों से कहा, ”महाभारत में जो जुआ खेला गया था, उसमें द्रौपदी को दांव पर लगाया गया था। पांडव हार गए थे। देश अभी भी उनके ऐसा करने के कारणों को स्वीकार नहीं कर पा रहा है।” उन्होंने कहा, ”हुड्डा परिवार ने…बेटियों और बहनों की इज्जत दांव पर लगाई। आने वाली पीढ़ी उन्हें इसके लिए माफ नहीं करेगी और इसके लिए उन्हें हमेशा दोषी माना जाएगा।” पिछले साल ओलंपिक कांस्य पदक विजेता विनेश फोगट और बजरंग पुनिया के साथ ही ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने आंदोलन की अगुआई की थी।

सिंह ने कहा, “बजरंग पुनिया की मानसिक स्थिति खराब हो गई है। उसने अपनी पत्नी को दांव पर लगा दिया था। मैं उससे पूछना चाहता हूं कि वह ट्रायल के बिना एशियाई खेलों में खेलने क्यों गया?” दिल्ली में पहलवानों के विरोध के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा, “दिल्ली में पहलवानों का कोई विरोध नहीं था। यह एक पारिवारिक विरोध था। जब हम पहलवान कहते हैं, तो एक समूह आता है। क्या पहलवान पंजाब, हरियाणा में नहीं हैं? क्या वे महाराष्ट्र, बिहार, यूपी, बंगाल और हिमाचल में नहीं हैं?” उन्होंने कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा पर दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने का आरोप लगाया। “प्रियंका गांधी भी आती थीं।” शनिवार को कैसरगंज से भाजपा के पूर्व सांसद सिंह ने कहा था कि कांग्रेस ने भारतीय कुश्ती महासंघ पर नियंत्रण करने की “साजिश” में विनेश फोगट और बजरंग पुनिया को “मोहरे” के रूप में इस्तेमाल किया।

सिंह को पहली बार 2012 में दीपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ तीखे मतभेद के बाद डब्ल्यूएफआई का नियंत्रण मिला था।

आंदोलन के कारण कैसरगंज निर्वाचन क्षेत्र से छह बार लोकसभा सांसद रहे सिंह को डब्ल्यूएफआई प्रमुख के पद से हटना पड़ा। वह वर्तमान में एक अदालत में आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे हैं।

उनके पद से हटाए जाने के बाद उनके करीबी संजय सिंह को डब्ल्यूएफआई का प्रमुख चुना गया, लेकिन इस संस्था को अभी तक खेल मंत्रालय से मान्यता नहीं मिली है, हालांकि कुश्ती की विश्व नियामक संस्था यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने इसका समर्थन किया है।

शुक्रवार को फोगट और पुनिया कांग्रेस में शामिल हो गए और उन्होंने “न डरने और न पीछे हटने” की कसम खाई। इसके बाद, कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए 32 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी की, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को गढ़ी सांपला-किलोई, राज्य इकाई के प्रमुख उदयभान को होडल और विनेश फोगट को जुलाना से मैदान में उतारा गया।

(यह रिपोर्ट ऑटो-जेनरेटेड सिंडिकेट वायर फीड के हिस्से के रूप में प्रकाशित की गई है। हेडलाइन के अलावा, एबीपी लाइव द्वारा कॉपी में कोई संपादन नहीं किया गया है।)

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