दिवाली के मद्देनजर, भारत सरकार द्वारा स्तन और फेफड़ों के कैंसर में इस्तेमाल होने वाली तीन आवश्यक दवाओं की कीमतों में कटौती की घोषणा के रूप में कैंसर रोगियों को बड़ी राहत दी गई है। एनपीपीए ने ट्रैस्टुज़ुमैब, ओसिमर्टिनिब और ड्यूरवालुमैब के अधिकतम खुदरा मूल्य में कटौती का निर्देश जारी किया है, ये सभी कैंसर के इलाज में आवश्यक हैं। यह कदम आवश्यक दवाओं को किफायती बनाने की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप है।
सरकार ने आवश्यक कैंसर दवाओं पर कीमतें और कर कम किए
सरकार ने हाल ही में इन दवाओं पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को 12% से घटाकर 5% कर दिया है। केंद्रीय बजट 2024-25 के अनुसार, इन दवाओं पर भी कस्टम ड्यूटी खत्म की जानी है। 23 जुलाई को, वित्त मंत्रालय ने इन कैंसर दवाओं पर सीमा शुल्क शून्य बताते हुए एक अधिसूचना जारी की।
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इन दवाओं की एमआरपी 10 अक्टूबर, 2024 से बढ़ा दी गई थी। नई दरों के अनुसार, निर्माताओं को अपनी बिक्री कीमत बढ़ानी होगी और डीलरों और राज्य दवा नियंत्रकों और सरकार को भी इसके बारे में जागरूक करना होगा। यह विशेष रूप से कैंसर के लिए स्वास्थ्य देखभाल की बढ़ती लागत को नियंत्रित करने के एनपीपीए के अभियान का हिस्सा है। यह हर साल इसे पार करके निखार ला रहा है। लैंसेट की रिपोर्ट है कि पूरे भारत में 14 मिलियन से अधिक कैंसर के मामले सामने आए हैं। यह वृद्धि सुसंगत और स्थिर है, यह संख्या पिछले वर्ष 2020 से बढ़कर 13.9 मिलियन से 2022 तक 14.6 मिलियन हो गई है।