सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने और विनिर्माण पहल को बढ़ावा दिया
इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को अपनाने में तेज़ी लाने और स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने के प्रयास में, सरकार ने हाल ही में भारतीय बाज़ार के लिए कई नई पहलों की घोषणा की है। ये उपाय ऐसे समय में किए गए हैं जब अनुमान है कि भारत में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 25) में 1.5 लाख यूनिट तक पहुँच सकती है। देश में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों को अपनाने की प्रवृत्ति भी बढ़ रही है। वित्त वर्ष 24 में ई-2W की बिक्री बढ़कर 17,52,406 यूनिट हो गई।
जेएमके रिसर्च एंड एनालिटिक्स की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, इस वृद्धि का नेतृत्व दोपहिया और तिपहिया वाहनों ने किया, जिन्होंने कुल बिक्री में 94 प्रतिशत का योगदान दिया। इस साल 13 मार्च को भारी उद्योग मंत्रालय द्वारा शुरू की गई इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम 2024 (ईएमपीएस 2024) का उद्देश्य पूरे देश में ईवी को अपनाने को बढ़ावा देना है।
मूल रूप से 500 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ 1 अप्रैल से 31 जुलाई तक चलने वाली इस योजना को अब दो महीने के लिए बढ़ा दिया गया है।
अब 778 करोड़ रुपये के नए परिव्यय के साथ EMPS योजना 30 सितंबर तक चलेगी। इस योजना का उद्देश्य देश में EV विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र के विकास को बढ़ावा देना है।
मंत्रालय के अनुसार, यह योजना मुख्य रूप से उन ई-2डब्ल्यू और ई-3डब्ल्यू पर लागू होगी जो वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए पंजीकृत हैं।
मंत्रालय के अनुसार, वाणिज्यिक उपयोग के अलावा, निजी या कॉर्पोरेट स्वामित्व वाले पंजीकृत ई-2डब्ल्यू भी इस योजना के अंतर्गत पात्र होंगे।
इस योजना का लक्ष्य अब 560,789 इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को समर्थन देना है, जिनमें 500,080 इलेक्ट्रिक दोपहिया (ई-2डब्ल्यू) और 60,709 इलेक्ट्रिक तिपहिया (ई-3डब्ल्यू) शामिल हैं।
यह योजना देश में एक कुशल, प्रतिस्पर्धी और लचीले ईवी विनिर्माण उद्योग को बढ़ावा देती है, जिससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण को बढ़ावा मिलता है।
इसका उद्देश्य वैश्विक ईवी निर्माताओं से निवेश आकर्षित करना और भारत को ई-वाहनों के विनिर्माण गंतव्य के रूप में बढ़ावा देना है।
केयरएज रेटिंग्स की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, देश में इलेक्ट्रिक कार की पहुंच लगातार बढ़ रही है, जो कि अधिक टिकाऊ, पर्यावरण अनुकूल और कुशल परिवहन क्षेत्र की दिशा में सरकार के प्रयासों से प्रेरित है।
इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की ओर बदलाव अब केवल कारों और ट्रकों तक ही सीमित नहीं रह गया है, बल्कि ई-रिक्शा और ई-कार्ट भी पूरे देश में लोकप्रियता हासिल कर रहे हैं।
वित्त वर्ष 2024 में इलेक्ट्रिक बसों की बिक्री सालाना आधार पर 85 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 3,708 इकाई तक पहुंच गई।
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आईएएनएस से इनपुट्स