नई दिल्ली: लगातार तीसरी बार सत्ता संभालने के बाद मोदी सरकार ने अपने पहले 100 दिनों में किसानों और मध्यम वर्ग की आजीविका में सुधार लाने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण पहलों को लागू किया है।
नरेन्द्र मोदी ने 9 जून को तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। उन्होंने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना की 17वीं किस्त जारी करके अपने तीसरे कार्यकाल की शुरुआत की।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, इस योजना के तहत अब तक 9.3 करोड़ किसानों के बीच 20,000 करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं और अब तक कुल 12 करोड़ 33 लाख किसानों के बीच 3 लाख करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं।
इसके साथ ही वर्ष 2024-25 के लिए खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि की गई है, जिससे किसानों को लगभग 2 लाख करोड़ रुपये का लाभ हुआ है। पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने 12,100 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ आंध्र प्रदेश में पोलावरम सिंचाई परियोजना को भी मंजूरी दी है।
केंद्र ने कृषि क्षेत्र में दक्षता और उत्पादकता बढ़ाने के लिए डिजिटल कृषि मिशन सहित 14,200 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय वाली सात प्रमुख योजनाओं को भी मंजूरी दी है।
सूत्रों के अनुसार, नई राष्ट्रीय सहकारी नीति का मसौदा भी तैयार हो चुका है और अब यह अपने अंतिम चरण में है।
सूत्रों ने यह भी बताया कि राष्ट्रीय सहकारी जैविक लिमिटेड (एनसीओएल) और उत्तराखंड जैविक वस्तु बोर्ड के बीच हुए समझौता ज्ञापन के तहत एनसीओएल उत्तराखंड के किसानों से किसानों के अनुकूल दरों पर जैविक उत्पाद खरीदेगा।
उन्होंने कहा, “लाभ का उचित हिस्सा सीधे किसानों के खातों में जमा किया जाएगा।”
सूत्रों ने कहा, “सहकारी चीनी मिलों की इथेनॉल उत्पादन इकाइयों को बहु-फ़ीड सुविधाओं में परिवर्तित करने से मक्का से भी इथेनॉल उत्पादन संभव हो सकेगा।”
केंद्र ने प्याज और बासमती चावल पर न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) हटाने और प्याज पर निर्यात शुल्क 40 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत करने का फैसला किया है, जिससे किसानों को लाभ हो सकता है।
सरकार ने जम्मू-कश्मीर में 3,300 करोड़ रुपये की लागत की कई कृषि योजनाएं और विकास परियोजनाएं शुरू की हैं।
इस वर्ष जून में वाराणसी की अपनी पहली यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि में उनकी भूमिका के लिए स्वयं सहायता समूहों की 30,000 ‘कृषि सखियों’ को सम्मानित किया था।
सूत्रों के अनुसार, केंद्र ने मौसम और जलवायु के प्रति लचीला भारत बनाने के लिए 2,000 करोड़ रुपये के “मिशन मौसम” को मंजूरी दी है। इसके साथ ही, इसने ‘एग्रीश्योर’ नाम से एक नया फंड लॉन्च किया है, जिसका उद्देश्य कृषि क्षेत्र में क्रांति लाना और स्टार्ट-अप और ग्रामीण उद्यमों का समर्थन करना है। मध्यम वर्ग के उत्थान को सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार ने कर राहत दी है जिसके तहत 7 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं है।
सूत्रों के अनुसार, वेतनभोगी व्यक्ति करों में 17,500 रुपये तक की बचत कर सकते हैं। उन्होंने कहा, “मानक कटौती को बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दिया गया है और पारिवारिक पेंशन के लिए छूट की सीमा बढ़ाकर 25,000 रुपये कर दी गई है।”
सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि आयकर नियमों की छह महीने के भीतर व्यापक समीक्षा की जाए ताकि उन्हें संक्षिप्त, स्पष्ट और समझने में आसान बनाया जा सके। एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) लागू की गई है जिसके तहत 25 साल की सेवा वाले सरकारी कर्मचारियों को उनके औसत मूल वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलेगा।
सूत्रों ने बताया, “सुरक्षा बलों और उनके परिवारों के लिए वन रैंक, वन पेंशन योजना का तीसरा संस्करण लागू किया जाएगा।”
प्रधानमंत्री आवास योजना का जिक्र करते हुए सूत्रों ने बताया कि शहरी योजना के तहत एक करोड़ घर बनाए जा चुके हैं, जबकि ग्रामीण इलाकों में दो करोड़ घरों के निर्माण को मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा, “पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत जून से अगस्त 2024 के बीच 2.5 लाख से अधिक घरों में सौर ऊर्जा प्रणाली स्थापित की गई है। पीएम ई-बस सेवा के माध्यम से पर्यावरण के अनुकूल सार्वजनिक परिवहन प्रणाली विकसित की जाएगी और इसके लिए 3,400 करोड़ रुपये की सहायता से ई-बसों की खरीद को मंजूरी दी गई है।”