नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को मिस्र के राजदूत वाएल हामिद से विदाई बातचीत की।
जयशंकर ने भारत-मिस्र संबंधों को आगे बढ़ाने में उनके योगदान के लिए भी हामिद के प्रति आभार व्यक्त किया।
एक्स पर एक पोस्ट साझा करते हुए जयशंकर ने लिखा, “मिस्र के राजदूत वाएल हामेद से विदाई कॉल पर मिलकर प्रसन्नता हुई।”
मिस्र के राजदूत वाएल हामिद का विदाई समारोह में स्वागत करके प्रसन्नता हुई।
🇮🇳 🇪🇬 संबंधों को आगे बढ़ाने में उनके योगदान के लिए उन्हें धन्यवाद। उनके भविष्य के प्रयासों के लिए उन्हें शुभकामनाएँ। pic.twitter.com/GXrNAXBnKD
– डॉ. एस. जयशंकर (@DrSजयशंकर) 18 सितंबर, 2024
उन्होंने कहा, “संबंधों को आगे बढ़ाने में उनके योगदान के लिए उन्हें धन्यवाद। उनके भविष्य के प्रयासों के लिए उन्हें शुभकामनाएं।”
भारत और मिस्र, दोनों ही दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक हैं और इनका इतिहास समृद्ध है। प्राचीन काल से ही इनके बीच घनिष्ठ संबंध रहे हैं। इनका सहयोग विभिन्न क्षेत्रों में फैला हुआ है, जिसमें द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर राजनीतिक सहयोग भी शामिल है।
जून 2023 में प्रधानमंत्री मोदी की मिस्र की ऐतिहासिक राजकीय यात्रा से द्विपक्षीय संबंध और मजबूत होंगे, जिसकी परिणति मिस्र के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, “ऑर्डर ऑफ द नाइल” से उन्हें सम्मानित किए जाने के रूप में होगी।
जुलाई में, जयशंकर ने मिस्र के राष्ट्रीय दिवस के उपलक्ष्य में भारत में मिस्र के राजदूत वायल हामेद के साथ नई दिल्ली में एक स्मारक कार्यक्रम में भाग लिया। इस कार्यक्रम के दौरान, जयशंकर ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय साझेदारी को मजबूत करने के लिए भारत की अटूट प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
मिस्र को एक महत्वपूर्ण और प्रतिष्ठित रणनीतिक साझेदार बताते हुए जयशंकर ने मिस्र के नेतृत्व और नागरिकों को अपनी शुभकामनाएं दीं और हाल के वर्षों में संबंधों में आई प्रगाढ़ता पर प्रकाश डाला।
उन्होंने 2023 में भारत के 74वें गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी की यात्रा के साथ-साथ प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की मिस्र की आधिकारिक यात्रा का उल्लेख किया, जिसने द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक स्तर तक बढ़ा दिया।