श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के दौरान जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (जेकेएनसी) के नेता फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला ने वोट डाला, जो इस क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण राजनीतिक क्षण था। उमर अब्दुल्ला ने चुनावों का निरीक्षण करने के लिए विदेशी राजनयिकों को आमंत्रित करने के लिए भारत सरकार की आलोचना की, और कहा कि ये चुनाव एक आंतरिक मामला है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि स्थानीय भागीदारी सरकारी चुनौतियों के बावजूद लोगों के लचीलेपन से प्रेरित है, साथ ही उन्होंने राजनयिकों को आमंत्रित करने के पीछे के औचित्य पर भी सवाल उठाया, जब विदेशी पत्रकारों को चुनावों को कवर करने से रोक दिया गया है।
उमर अब्दुल्ला की कड़ी आलोचना: उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में चल रहे विधानसभा चुनावों के निरीक्षण के लिए विदेशी राजनयिकों को आमंत्रित करने के भारत सरकार के फैसले की निंदा करते हुए कहा कि चुनाव एक आंतरिक मामला है और इसके लिए विदेशी मान्यता की आवश्यकता नहीं है।
राजनीतिक हेरफेर के आरोप: अब्दुल्ला ने केंद्र पर स्थानीय चुनावी भागीदारी का अनुचित श्रेय लेने का प्रयास करने का आरोप लगाया, तथा इसे उन लोगों के साथ विश्वासघात बताया जो पिछले वर्षों में सरकार के कार्यों के बावजूद मतदान कर रहे हैं।
मतदान जोरों पर: चुनाव का दूसरा चरण जम्मू और कश्मीर के छह जिलों की 26 सीटों पर हो रहा है, यह एक महत्वपूर्ण क्षण है क्योंकि इस क्षेत्र में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद पहली बार मतदान हो रहा है।
राजनयिकों का ‘निर्देशित दौरा’: अब्दुल्ला ने राजनयिक यात्रा की आलोचना करते हुए इसे “निर्देशित दौरा” बताया तथा सवाल किया कि विदेशी पत्रकारों को चुनावों को कवर करने की अनुमति क्यों नहीं दी गई, जबकि राजनयिकों को आमंत्रित किया गया।
चुनौतियों के बीच स्थानीय लचीलापन: एनसी उपाध्यक्ष ने कहा कि जम्मू और कश्मीर के लोग वर्षों से सरकार द्वारा उत्पीड़न और अपमान के बावजूद चुनावों में भाग ले रहे हैं।
मतदाताओं की भागीदारी की आशा: अब्दुल्ला ने मतदाताओं की भागीदारी के प्रति आशा व्यक्त की तथा कहा कि राजनीतिक रैलियों में जो उत्साह देखा गया है, उसका परिणाम मतदान में सक्रिय भागीदारी के रूप में सामने आना चाहिए।
चुनाव चरणों का समान महत्व: सभी चुनाव चरणों के महत्व पर जोर देते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि प्रत्येक मतदान दिवस पार्टी के लिए महत्वपूर्ण है, न कि केवल उनके लिए व्यक्तिगत रूप से।
पीडीपी के आरोपों का जवाब: अब्दुल्ला ने पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती के फर्जी मतदान के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि पीडीपी ने चुनावों में अपने घटते प्रभाव को स्वीकार कर लिया है।
गठबंधन की राजनीति और अपेक्षाएं: उन्होंने बताया कि नेशनल कॉन्फ्रेंस कांग्रेस के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन में है और उन्होंने जम्मू में कांग्रेस के प्रचार प्रयासों की कमी पर निराशा व्यक्त की।
जम्मू पर ध्यान केंद्रित करें: राहुल गांधी की कश्मीर यात्रा का स्वागत करते हुए अब्दुल्ला ने कांग्रेस को जम्मू में अपने प्रयासों को प्राथमिकता देने की सलाह दी तथा कहा कि इस क्षेत्र के परिणाम पार्टी की सफलता के लिए अधिक महत्वपूर्ण हैं।