उत्तर प्रदेश में 69,000 शिक्षकों की भर्ती के लिए हाईकोर्ट ने पुरानी मेरिट लिस्ट को रद्द कर दिया है और नई लिस्ट जारी करने का आदेश दिया है। इस फैसले से राजनीतिक बहस तेज हो गई है, विपक्षी दलों ने सरकार की आलोचना करते हुए फैसले का स्वागत किया है, वहीं सरकारी अधिकारियों ने भी इसका समर्थन किया है। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने हाईकोर्ट के फैसले की सराहना करते हुए इसे पिछड़े और दलित छात्रों की जीत और सामाजिक न्याय की दिशा में सकारात्मक कदम बताया है। योगी सरकार के तहत शुरू की गई भर्ती प्रक्रिया को अब इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देशानुसार नई सूची की आवश्यकता है। यह घटनाक्रम राज्य में न्यायिक निर्णयों के राजनीतिक और शैक्षिक प्रभाव को रेखांकित करता है।