बेंगलुरु, 10 सितंबर — प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम से जुड़े करोड़ों रुपये के घोटाले के सिलसिले में आरोपपत्र दाखिल किया है। आरोपपत्र में पूर्व मंत्री बी. नागेंद्र को कथित भ्रष्टाचार में मुख्य व्यक्ति बताया गया है।
ईडी की जांच में वित्तीय कुप्रबंधन की एक जटिल योजना का खुलासा हुआ है, जो बी. नागेंद्र से जुड़ी है, जिस पर इस घोटाले का मास्टरमाइंड होने का आरोप है। आरोपपत्र में बताया गया है कि नागेंद्र ने कथित तौर पर वित्तीय लेनदेन को अंजाम देने के लिए हैदराबाद के फर्स्ट फाइनेंस क्रेडिट कोऑपरेटिव बैंक के प्रबंध निदेशक सत्यनारायण वर्मा के साथ मिलकर काम किया।
ईडी के अनुसार, लोकसभा चुनाव में इस्तेमाल के लिए करीब 21 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई। जांच में बेंगलुरु और बेल्लारी में मनी लॉन्ड्रिंग और अनियमितताओं के सबूत भी मिले हैं।
82वें अतिरिक्त सत्र न्यायालय में दायर आरोपपत्र में नागेन्द्र सहित पांच व्यक्तियों के खिलाफ वित्तीय कदाचार में उनकी भूमिका के आरोप शामिल हैं।
संबंधित घटनाक्रम में, रायचूर ग्रामीण से कांग्रेस विधायक और वाल्मीकि निगम के वर्तमान अध्यक्ष बसनगौड़ा दद्दाल ने चल रही जांच के बीच मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से उनके आवास पर मुलाकात की।