जैसे ही कर्नाटक दशहरा उत्सव मनाता है, निजी स्कूलों की छुट्टियों के कार्यक्रम को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। जबकि सरकारी स्कूलों में 3 से 20 अक्टूबर तक छुट्टी होती है, कई निजी संस्थान कथित तौर पर अपनी छुट्टियों में कटौती कर रहे हैं, जिससे आधिकारिक कैलेंडर का अनुपालन न करने का आरोप लग रहा है।
छुट्टियों की विसंगतियाँ:
कर्नाटक में सरकारी स्कूलों को 3 से 20 अक्टूबर तक दशहरा की छुट्टी दी गई है। इसके विपरीत, निजी और सहायता प्राप्त स्कूलों पर अपने छात्रों के लिए इस छुट्टी की अवधि को कम करने का आरोप लगाया गया है।
एसोसिएशनों से प्रतिक्रिया:
प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों के एसोसिएटेड प्रबंधन ने स्पष्ट किया कि निजी स्कूल अपने अवकाश कार्यक्रम तय करने का विवेक रखते हैं, इस बात पर जोर देते हुए कि वे सरकारी शैक्षिक कैलेंडर का पालन करने के लिए बाध्य नहीं हैं।
छोटी छुट्टियों के लिए स्पष्टीकरण:
एसोसिएशन के महासचिव डी. शशिकुमार ने कहा कि दशहरा की छुट्टियों को कम करने का निर्णय दिसंबर में क्रिसमस की छुट्टियों के लिए समय आवंटित करने की आवश्यकता के कारण है, जिसके लिए निजी संस्थानों को कम से कम एक सप्ताह की छुट्टी की आवश्यकता होगी।
संगठनों की ओर से आलोचना:
कई संगठनों ने उत्सव की भावना के बीच निजी स्कूलों के कार्यों की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए, दशहरा की छुट्टियों को कम करने के फैसले पर अपना असंतोष व्यक्त किया है।
अवकाश नीतियों में इक्विटी के लिए कॉल करें:
एसोसिएशन का बयान निजी और सरकारी स्कूलों के बीच छुट्टियों के वितरण में समानता पर बढ़ती चिंताओं के प्रकाश में आया है, क्योंकि कई माता-पिता और छात्र समूह त्योहारी सीजन के दौरान समान व्यवहार चाहते हैं।