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आईसीएआर ने स्वच्छता ही सेवा अभियान 2024 का शुभारंभ किया, जिसमें ‘स्वभाव स्वच्छता – संस्कार स्वच्छता’ थीम के माध्यम से सफाई और पर्यावरणीय स्थिरता पर जोर दिया गया। इस अभियान में राष्ट्रव्यापी वृक्षारोपण अभियान, सामुदायिक सहभागिता और पारिस्थितिक संरक्षण को बढ़ावा देना शामिल है।
अभियान की शुरुआत औपचारिक स्वच्छता शपथ के साथ हुई, जिसके बाद ‘एक पेड़ मां के नाम’ शीर्षक से राष्ट्रव्यापी वृक्षारोपण अभियान चलाया गया। (फोटो स्रोत: पीआईबी)
कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग (डीएआरई) के सचिव और आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक ने नई दिल्ली में एनएएससी कॉम्प्लेक्स में स्वच्छता ही सेवा (एसएचएस) अभियान 2024 की आधिकारिक शुरुआत की। आईजीएच के बोर्ड रूम में आयोजित इस कार्यक्रम में डॉ. पाठक ने आईसीएआर के अतिरिक्त सचिव (डी) और सचिव, उप महानिदेशकों और डीएआरई और आईसीएआर के अन्य प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों सहित वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में स्वच्छता शपथ दिलाई। इस शपथ में आईसीएआर के सभी 113 शोध संस्थानों और 731 कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) ने व्यापक वर्चुअल भागीदारी की, जो अभियान के उद्देश्यों के प्रति मजबूत राष्ट्रीय प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
स्वच्छता ही सेवा अभियान का 2024 संस्करण, जिसका विषय ‘स्वभाव स्वच्छता – संस्कार स्वच्छता’ है, 17 सितंबर से 1 अक्टूबर तक चलेगा और इसमें स्वच्छता और पर्यावरणीय स्थिरता पर जोर दिया जाएगा। अभियान की शुरुआत औपचारिक स्वच्छता शपथ के साथ हुई, जिसके बाद ‘एक पेड़ माँ के नाम’ नामक राष्ट्रव्यापी वृक्षारोपण अभियान चलाया गया, जिसमें सामुदायिक भागीदारी और पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहित किया गया। इस वर्ष का अभियान स्वच्छ भारत मिशन की 10वीं वर्षगांठ भी मना रहा है, जो स्वच्छ और हरित भारत के लिए चल रहे प्रयासों को और अधिक महत्व देता है।
‘एक पेड़ माँ के नाम’ नामक वृक्षारोपण अभियान में देश भर के स्थानीय निकायों की सक्रिय भागीदारी देखी गई, जिसका उद्देश्य पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाना और सार्वजनिक स्थानों को सुंदर बनाने में योगदान देना था। यह पहल सामूहिक पर्यावरणीय जिम्मेदारियों का सम्मान करने के लिए पेड़ लगाने पर केंद्रित है, जो स्वच्छता को बढ़ावा देने, परिदृश्यों को बेहतर बनाने और पारिस्थितिक स्थिरता को बढ़ावा देने के अभियान के बड़े लक्ष्य को पूरा करती है।
एसएचएस, डेयर, आईसीएआर और अन्य सहभागी संगठनों जैसी पहलों के माध्यम से समुदायों को संगठित करने, पर्यावरण चेतना बढ़ाने और स्वच्छता को राष्ट्रीय प्रगति और सामाजिक कल्याण के एक महत्वपूर्ण तत्व के रूप में सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
पहली बार प्रकाशित: 19 सितम्बर 2024, 15:41 IST