भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी को मंगलवार सुबह इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्हें नियमित और अनुवर्ती जांच के लिए अपोलो अस्पताल के डॉ. विनीत सूरी के न्यूरोलॉजी विभाग में भर्ती कराया गया।
डॉक्टर के बयान के अनुसार, आडवाणी की हालत स्थिर है और उन्हें जल्द ही छुट्टी दे दी जाएगी।
एक महीने पहले, वरिष्ठ भाजपा नेता को 3 जुलाई को अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था और कुछ दिनों बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई थी।
इससे पहले जून में भी पूर्व उप प्रधानमंत्री को बढ़ती उम्र के कारण दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती कराया गया था। एक दिन बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई थी।
96 वर्षीय नेता को 31 मार्च को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनके आवास पर भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और पूर्व उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू भी उनके आवास पर मौजूद थे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह भी आडवाणी के परिवार के साथ समारोह में शामिल हुए।
प्रधानमंत्री मोदी लगातार तीसरी बार सरकार बनाने से पहले भी आडवाणी से मिलने गए थे।
लालकृष्ण आडवाणी के बारे में
कराची में जन्मे आडवाणी 1942 में स्वयंसेवक के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में शामिल हुए। 1947 में विभाजन के बाद वे अपने परिवार के साथ भारत आ गए।
इसके बाद आडवाणी 1952 में भारतीय जनसंघ में शामिल हो गए और 1970 में राज्यसभा में प्रवेश किया। इसके बाद, उन्होंने 1993 से 1998 तक और 2004 से 2005 तक दो बार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। 1975 के आपातकाल के दौरान आडवाणी और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को गिरफ्तार किया गया था।
जब भगवा पार्टी ने मोरारजी देसाई के नेतृत्व में सरकार बनाई तो 1977 में आडवाणी को सूचना एवं प्रसारण मंत्री बनाया गया।
आडवाणी 1980 में अपनी स्थापना के बाद से भगवा पार्टी के अध्यक्ष भी रहे हैं और इसके संस्थापक सदस्यों में से एक थे। 1984 के लोकसभा चुनावों में मात्र दो सीटों से 1990 के दशक में सरकार बनाने तक भाजपा की बढ़त का श्रेय उन्हें ही जाता है।