गाजियाबाद, भारत — जिला मजिस्ट्रेट इंद्र विक्रम सिंह ने यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया है कि ग्रामीण क्षेत्रों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) से कोई भी पात्र परिवार वंचित न रहे। सिंह ने अधिकारियों को घर-घर जाकर सर्वेक्षण करने और हर व्यक्ति को योजना के लाभों के बारे में सूचित करने के लिए हर संभव प्रयास करने का निर्देश दिया।
शुक्रवार को जिला कलेक्ट्रेट में आयोजित बैठक में सिंह ने मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) अभिनव गोपाल, जिला विकास अधिकारी प्रज्ञा श्रीवास्तव और खंड विकास अधिकारियों के साथ पीएमएवाई योजना के क्रियान्वयन और मानकों में संशोधन पर चर्चा की। बैठक में पात्र लाभार्थियों की पहचान करने और आवास प्लस 2018 सूची को अपडेट करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
चर्चा के मुख्य बिंदुओं में पात्रता और अपात्रता के मानदंडों में बदलाव के साथ-साथ चयन प्रक्रिया भी शामिल थी। अधिकारियों ने प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाने के तरीके तलाशे। सिंह ने सीडीओ गोपाल को निर्देश दिया कि वे पत्रकारों को संशोधित मानकों और सर्वेक्षण रणनीति के बारे में जानकारी देने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करें ताकि जनता को जानकारी दी जा सके।
जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिया कि प्रत्येक गांव के ग्राम पंचायत सचिव स्थानीय निवासियों और प्रतिनिधियों को मानकों और सर्वेक्षण प्रक्रियाओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करने के लिए बैठकें आयोजित करें। सचिवों को सर्वेक्षक के रूप में नियुक्त किया जाना चाहिए और यह सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होना चाहिए कि कोई भी पात्र लाभार्थी छूट न जाए।
इसके अतिरिक्त, पात्रता मानदंड और अपात्रता के बारे में सार्वजनिक जानकारी गांवों में सार्वजनिक दीवारों पर प्रदर्शित की जानी चाहिए। सर्वेक्षण में सभी संभावित लाभार्थियों को शामिल करने के लिए घरों का दौरा करना शामिल होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी पात्र व्यक्ति छूट न जाए।
50,000 रुपये या उससे अधिक के क्रेडिट कार्ड वाले किसानों की सूची अग्रणी बैंक प्रबंधकों द्वारा परियोजना निदेशकों और खंड विकास अधिकारियों को उपलब्ध कराई जाएगी। प्रत्येक ग्राम पंचायत 2024 की चयन प्रक्रिया के लिए लाभार्थियों का एक रजिस्टर बनाए रखेगी, जिसकी समीक्षा खंड विकास अधिकारी करेंगे।
ब्लॉक विकास अधिकारी ग्राम प्रधानों, ब्लॉक सदस्यों और ग्राम पंचायत सचिवों के साथ बैठक कर आवास सर्वेक्षण और नए मानकों पर चर्चा करेंगे। लाभार्थियों को तीन किस्तों में 1.20 लाख रुपये सीधे उनके बैंक खातों में मिलेंगे, साथ ही मनरेगा योजना के तहत 90 दिनों का मजदूरी रोजगार भी मिलेगा। आवास का मानक 25 वर्ग मीटर होगा।
सिंह ने निर्देश दिए कि केवल नामित सर्वेक्षक ही सर्वेक्षण करें; निजी या ठेका श्रमिकों को यह कार्य करने की अनुमति नहीं है। ब्लॉक स्तर पर जागरूकता बैठकें साप्ताहिक रूप से आयोजित की जाएंगी।
इस योजना का लक्ष्य बेघर, भिखारी, मैला ढोने वाले, आदिम जनजाति समूह और मुक्त बंधुआ मजदूरों सहित कमजोर समूह हैं। अपात्र परिवारों में मोटर चालित वाहन, 50,000 रुपये से अधिक की मशीनीकृत कृषि उपकरण ऋण सीमा वाले परिवार, सरकारी कर्मचारी, गैर-कृषि उद्यम पंजीकृत परिवार, 15,000 रुपये प्रति माह से अधिक कमाने वाले सदस्य, आयकरदाता, 2.5 एकड़ या उससे अधिक सिंचित भूमि या 5 एकड़ या उससे अधिक असिंचित भूमि वाले परिवार शामिल हैं।
सीडीओ अभिनव गोपाल ने संशोधित मानकों के बारे में विस्तार से बताया कि पात्रता मानदंड 13 से घटाकर 10 कर दिया गया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि संशोधित मानकों से योजना में अधिक योग्य लाभार्थियों को शामिल करने में मदद मिलेगी।
इस प्रयास का उद्देश्य ग्रामीण निवासियों के लिए पीएमएवाई के लाभों को अधिकतम करना तथा यह सुनिश्चित करना है कि यह योजना सभी पात्र व्यक्तियों तक प्रभावी रूप से पहुंचे।