कोप्पल, 13 सितंबर – कोप्पल जिले के यालाबुर्गा में सिद्धरामेश्वर मठ के प्रमुख और कई भक्तों के बीच संपत्ति प्रबंधन और मठ की परिसंपत्तियों पर नियंत्रण को लेकर एक बड़ा विवाद छिड़ गया है।
कर्नाटक में अपने व्यापक इतिहास और प्रभाव के लिए मशहूर सिद्धरामेश्वर मठ इस समय विवादों के केंद्र में है। भक्तों ने मठ के प्रमुख सिद्धरामेश्वर शिवाचार्य स्वामीजी पर संस्था को अपनी निजी संपत्ति मानने का आरोप लगाया है। उनका आरोप है कि वह मठ की संपत्ति अपने रिश्तेदारों को हस्तांतरित कर रहे हैं और अपने नाम पर संपत्ति खरीदने सहित धन का दुरुपयोग कर रहे हैं।
विवाद इस आरोप के साथ बढ़ गया है कि स्वामीजी भक्तों की चिंताओं के प्रति उदासीन रहे हैं और यहां तक कि मठ से असहमत सदस्यों को निष्कासित करने का भी सहारा लिया है। भक्त मठ के मामलों का प्रबंधन करने के लिए एक ट्रस्ट की स्थापना की मांग कर रहे हैं, जिसमें स्वामीजी और भक्तों दोनों को इसके प्रशासन में शामिल किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर एक सप्ताह के भीतर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वे स्वामीजी को हटाने के लिए दबाव बनाएंगे।
जवाब में स्वामीजी ने आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि कुछ भक्तों ने पहले भी मठ की संपत्ति का दुरुपयोग किया है। उनका दावा है कि मौजूदा अशांति मठ की परंपराओं और प्रबंधन को कमजोर करने का एक प्रयास है।
बढ़ते संघर्ष को देखते हुए एहतियात के तौर पर मठ के बाहर पुलिस तैनात कर दी गई है। व्यवस्था बनाए रखने और आगे तनाव को बढ़ने से रोकने के लिए स्थानीय पुलिस की एक टीम को तैनात किया गया है। स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, क्योंकि दोनों पक्ष समाधान की तैयारी कर रहे हैं।