हिमाचल प्रदेश में विनाशकारी बाढ़ से चरम मौसमी आपदाएं | एबीपी न्यूज़

हिमाचल प्रदेश में विनाशकारी बाढ़ से चरम मौसमी आपदाएं | एबीपी न्यूज़


एक तरफ बाढ़ मैदानी इलाकों में कहर बरपा रही है तो वहीं पहाड़ भी भारी बारिश से समान रूप से प्रभावित हैं और जनजीवन ठप है। हिमाचल प्रदेश में बुधवार रात को एक भीषण मौसम की घटना घटी जब तीन अलग-अलग इलाकों में बादल फटे। महज चार घंटे की मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई, घर, स्कूल और दुकानें बह गईं। अकेले एक गांव में 36 लोग लापता बताए जा रहे हैं। यह स्थिति एक महत्वपूर्ण सवाल को जन्म देती है: बारिश इतनी बड़ी आपदा क्यों बन रही है? कई कारक बारिश को तबाही बनाने में योगदान करते हैं। जलवायु परिवर्तन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, क्योंकि बढ़ते वैश्विक तापमान से अधिक चरम मौसम पैटर्न बनते हैं, जिसमें तीव्र वर्षा और बार-बार बादल फटना शामिल है। हिमाचल प्रदेश जैसे पर्वतीय क्षेत्रों की भौगोलिक और स्थलाकृतिक विशेषताएं उन्हें विशेष रूप से कमजोर बनाती हैं अनियोजित और तेज़ विकास अक्सर प्राकृतिक जल निकासी प्रणालियों को नष्ट कर देता है, जिसके परिणामस्वरूप सतही अपवाह बढ़ जाता है। इसके अतिरिक्त, अपर्याप्त या खराब तरीके से बनाए गए बुनियादी ढाँचे, जैसे कि बांध और जल निकासी प्रणाली, भारी बारिश को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में विफल हो सकते हैं। भारी वर्षा के प्रभाव को कम करने और भविष्य में ऐसी विनाशकारी आपदाओं को रोकने के लिए रणनीति विकसित करने के लिए इन कारकों को समझना महत्वपूर्ण है।

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