गुरुग्राम में दुखद घटना: घरेलू दुर्व्यवहार से तंग आकर 30 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने 7वीं मंजिल से छलांग लगा दी
गुरुग्राम में एक दिल दहला देने वाली घटना में, 30 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर कीर्ति ने अपने अपार्टमेंट की सातवीं मंजिल से कूदकर अपनी जान दे दी। कीर्ति सेक्टर 92 में स्थित अंसार हाइट्स सोसाइटी में रहती थी और कथित तौर पर अपने पति के हाथों घरेलू हिंसा से पीड़ित थी। इस दुखद घटना के बाद, उसके पति योगेंद्र और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न और आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है।
घटना की पृष्ठभूमि
नोएडा में एक प्रमुख आईटी कंपनी क्वालिटेस्ट में काम करने वाली कीर्ति ने 2018 में मैकेनिकल इंजीनियर योगेंद्र से शादी की थी। घटना से दो हफ़्ते पहले ही दंपति अंसार हाइट्स में अपने किराए के फ्लैट में शिफ्ट हुए थे। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, दंपति मूल रूप से मथुरा के रहने वाले थे।
यह घटना सोमवार को दोपहर 1 बजे के आसपास हुई, जब कीर्ति ने कथित तौर पर अपने फ्लैट से छलांग लगा दी। तत्काल चिकित्सा सहायता मांगी गई और उसे आरवी अस्पताल ले जाया गया, जहां पहुंचने पर उसे मृत घोषित कर दिया गया।
दहेज की मांग के आरोप
कीर्ति के पिता जगदीश सिंह, जो कि एक सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी हैं, ने अपने दामाद और ससुराल वालों के खिलाफ औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि वे दहेज की मांग कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शादी के दौरान, उन्होंने जोड़े को एक बलेनो कार, गहने और घरेलू सामान उपहार में दिए थे। हालांकि, शादी के छह महीने बाद, अधिक दहेज की मांग सामने आने लगी।
21 सितंबर को एक परेशान करने वाले फोन कॉल में, कीर्ति ने अपने पिता को बताया कि योगेंद्र ने दहेज और बच्चा पैदा करने में असमर्थता के कारण अपने माता-पिता और बहन के उकसावे में आकर उसके साथ मारपीट की। इस खुलासे के बाद, जगदीश ने पुलिस से संपर्क किया, जिसके बाद आईपीसी की धारा 3(5) (साजिश) और 80 (दहेज हत्या) के तहत मामला दर्ज किया गया।
चल रही जांच
अभी तक इस मामले में कोई गिरफ़्तारी नहीं हुई है। पुलिस कीर्ति की मौत से जुड़ी परिस्थितियों और उसके परिवार द्वारा लगाए गए आरोपों की सक्रियता से जांच कर रही है। इस दुखद घटना ने भारत में महिलाओं के जीवन पर घरेलू हिंसा और दहेज प्रथा के प्रभाव के बारे में गंभीर चिंताएँ पैदा कर दी हैं।
परिवर्तन का आह्वान
कीर्ति की मौत इस बात को उजागर करती है कि समाज को घरेलू हिंसा और दहेज से जुड़े मुद्दों को तत्काल हल करने की आवश्यकता है। ऐसी ही परिस्थितियों का सामना करने वाली महिलाओं के लिए मजबूत सुरक्षात्मक उपायों और सहायता प्रणालियों की वकालत करना महत्वपूर्ण है। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, कई लोग कीर्ति के लिए न्याय और कई परिवारों को परेशान करने वाली दमनकारी दहेज प्रथा को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं।