दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले, राजनीतिक तापमान बढ़ रहा है क्योंकि आम आदमी पार्टी (आप) की हाल ही में घोषित ‘महिला सम्मान योजना’ जांच का सामना कर रही है। महिलाओं को ₹2,100 मासिक वित्तीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई इस योजना की अब दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) के आदेश के बाद जांच चल रही है।
उपराज्यपाल की चिंताएँ
उपराज्यपाल ने योजना के लिए वर्तमान पंजीकरण प्रक्रिया के आधार पर सवाल उठाए हैं और दिल्ली में मंडलायुक्तों से यह जांचने के लिए कहा है कि क्या प्रक्रिया नियमों का अनुपालन करती है। पहल की वैधता और कार्यान्वयन तंत्र को स्पष्ट करने के लिए एक रिपोर्ट की प्रतीक्षा की जा रही है।
महिला एवं बाल विकास विभाग ने अलर्ट जारी किया
महिला एवं बाल विकास विभाग ने विज्ञापन जारी कर कहा है कि ऐसी कोई भी योजना आधिकारिक तौर पर अधिसूचित नहीं की गई है. विभाग ने जनता को व्यक्तिगत जानकारी साझा करने के खिलाफ चेतावनी दी और चल रहे पंजीकरणों पर नागरिकों को गुमराह करने का आरोप लगाया।
AAP की प्रतिक्रिया
इस योजना का आप द्वारा पुरजोर बचाव किया जा रहा है, जिसने तर्क दिया है कि भाजपा इस पहल के आंदोलन को अचानक रोकना चाहती है, क्योंकि इसे हाल ही में बहुत अधिक स्वीकृति मिल रही है। रिपोर्ट के अनुसार, अब तक 22 लाख से अधिक महिलाओं ने इस ‘महिला सम्मान योजना’ के लिए अपना पंजीकरण कराया है।
‘महिला सम्मान योजना’ क्या है?
AAP ने 2025 विधानसभा चुनाव जीतने पर 18 वर्ष से अधिक उम्र की सभी पात्र महिलाओं को ₹1,000 प्रति माह वित्तीय सहायता देने का वादा किया है। ऐसा कहा जा रहा है कि बाद के चरणों में यह बढ़कर ₹2,100 हो जाएगा।
राजनीतिक अर्थ
जहां बीजेपी का आरोप है कि आप इस योजना के जरिए राजनीतिक नौटंकी कर रही है, वहीं आप का कहना है कि बीजेपी का विरोध महिलाओं के कल्याण के प्रति उनकी उपेक्षा को दर्शाता है.