दिल्ली के वायु प्रदूषण से बढ़ रहा है बाल झड़ने, गंजेपन का खतरा; जानिए अपने बालों को नुकसान से बचाने के तरीके

दिल्ली के वायु प्रदूषण से बढ़ रहा है बाल झड़ने, गंजेपन का खतरा; जानिए अपने बालों को नुकसान से बचाने के तरीके

छवि स्रोत: सामाजिक दिल्ली में वायु प्रदूषण से बढ़ रहा है बाल झड़ने, गंजेपन का खतरा!

पर्यावरण पर प्रदूषण का असर तेजी से बढ़ रहा है। इससे न सिर्फ चेहरे की त्वचा को नुकसान पहुंचता है बल्कि बालों की समस्या भी बढ़ जाती है। इससे बालों के झड़ने से लेकर रूखेपन तक कई समस्याएं होने लगती हैं। जहरीली हवा में मौजूद प्रदूषक तत्व जड़ों को नुकसान पहुंचाकर बालों के झड़ने का कारण साबित होते हैं। अगर आप भी वायु प्रदूषण के कारण बालों की समस्या से जूझ रहे हैं, तो जानिए कौन से टिप्स इस समस्या को नियंत्रित करने में मदद करते हैं (प्रदूषण से बालों को कैसे बचाएं)।

प्रदूषण के कारण बाल क्यों झड़ते हैं?

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार, पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) के संपर्क में आने से सिर की त्वचा पर प्रोटीन की मात्रा कम हो जाती है। इससे बालों के विकास पर असर पड़ता है और बाल झड़ने लगते हैं। दरअसल, बालों को मिलने वाले प्रोटीन में बीटा-कैटेनिन और साइक्लिन डी समेत कई तत्व मौजूद होते हैं।

इन टिप्स को अपनाकर अपने बालों को वायु प्रदूषण से बचाएं:

1. चिपचिपे स्टाइलिंग उत्पादों के उपयोग से बचें

चिपचिपे हेयर सीरम, स्प्रे और तेल जैसे उत्पादों से बालों को स्टाइल करने से बचना चाहिए। दरअसल, पर्यावरण और वायु प्रदूषण में मौजूद विषाक्त पदार्थ बालों पर चिपकने लगते हैं, जिससे ऑक्सीडेटिव तनाव बढ़ जाता है। इससे बाल झड़ने लगते हैं। ऐसे में उन हेयर स्टाइलिंग प्रोडक्ट्स का चुनाव करना चाहिए जो बालों के क्यूटिकल्स को सील कर सकें।

2. अपने बालों को लपेटें

हवा की खराब गुणवत्ता के कारण प्रदूषक तत्व बालों पर तेजी से हमला करते हैं। इसके अलावा सूरज की किरणों से बाल खराब होने का भी खतरा रहता है। प्रदूषण और यूवी किरणों का प्रभाव मिलकर बालों के झड़ने और पतले होने का कारण साबित होता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, पर्यावरणीय तनाव से बालों में प्रोटीन की कमी बढ़ जाती है। इससे बालों के रंग में भी बदलाव आता है। बालों को सुरक्षित रखने के लिए टोपी या हेड रैप का प्रयोग करें।

3. रासायनिक उत्पादों के प्रयोग से बचें

बालों की देखभाल के उत्पाद चुनते समय, सुनिश्चित करें कि वे सल्फेट्स, पैराबेंस और अन्य हानिकारक रसायनों से पूरी तरह मुक्त हों। सल्फेट्स और पैराबेंस को पर्यावरण में जैव संचय करने की उनकी क्षमता के कारण जल प्रदूषण के प्रमुख स्रोतों में से एक माना जाता है। दरअसल, ये रसायन बालों की देखभाल करने वाले उत्पादों के जरिए भी शरीर में पहुंच सकते हैं। इसलिए, बालों की देखभाल के उत्पाद खरीदते समय उन पर सल्फेट-मुक्त या पैराबेन-मुक्त लेबल होना जरूरी है।

4. हाइड्रेटिंग एजेंटों का प्रयोग करें

बालों की मजबूती बढ़ाने के लिए एलोवेरा, हाइलूरोनिक एसिड और ग्लिसरीन जैसे हाइड्रेटिंग एजेंटों का इस्तेमाल फायदेमंद साबित होता है। इससे बालों पर प्रदूषण का हानिकारक प्रभाव कम होता है और बाल मजबूत रहते हैं। साथ ही बालों का टेक्सचर भी सही रहता है।

5. बालों की सफाई जरूरी है

प्राकृतिक हेयर मास्क और शैंपू की मदद से बालों को क्षतिग्रस्त होने से बचाया जा सकता है। सप्ताह में 2 से 3 बार बाल धोने से सिर की सफाई और पीएच को बनाए रखने में मदद मिलती है। साथ ही प्रदूषण का असर भी कम होने लगता है.

6. शरीर को हाइड्रेट रखें

मौसम में बदलाव के कारण प्यास बढ़ती है, जिससे डिहाइड्रेशन होता है और बालों में रूखापन बढ़ता है। ऐसे में भरपूर मात्रा में पानी का सेवन करने से शरीर में डिहाइड्रेशन की समस्या दूर हो जाती है। साथ ही त्वचा और बालों में रूखापन भी कम किया जा सकता है।

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