दिल्ली शराब घोटाला: दिल्ली शराब घोटाला मामले ने गंभीर मोड़ ले लिया है क्योंकि दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को मंजूरी दे दी है। इस घटनाक्रम ने केजरीवाल के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं, क्योंकि ईडी ने पहले उन्हें घोटाले से संबंधित कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले के मास्टरमाइंड के रूप में पहचाना था।
ईडी ने केजरीवाल को मास्टरमाइंड बताया
इससे पहले ईडी ने कहा था कि केजरीवाल ने दिल्ली शराब घोटाले में अहम भूमिका निभाई है. इसी साल मार्च में ईडी ने केजरीवाल को वित्तीय हेराफेरी का जिम्मेदार मानते हुए गिरफ्तार कर लिया था. ईडी ने मई तक केजरीवाल, उनकी पार्टी और उनके बाकी सहयोगियों के खिलाफ आरोपों के साथ एक आरोप पत्र दायर किया था, जिसमें कथित घोटाले में उनकी भूमिका का उल्लेख किया गया था।
एलजी द्वारा अभियोजन की मंजूरी
उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने अब ईडी को मुकदमा दायर करने की इजाजत दे दी है. एजेंसी के पास अब केजरीवाल और अन्य के खिलाफ अपने मामले को मजबूत करने के लिए कानूनी हरी झंडी है।
यह मंजूरी आरोपों की गंभीरता को इंगित करती है और इस हाई-प्रोफाइल मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई का मार्ग प्रशस्त करती है।
दिल्ली शराब घोटाला क्या है?
दिल्ली शराब घोटाला एक ऐसा मामला है जहां दिल्ली सरकार पर दिल्ली में 2021-22 की उत्पाद शुल्क नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में भ्रष्टाचार का आरोप है। अधिकारियों के अनुसार, वित्तीय अनियमितताएं और अवैध लेनदेन हुए थे और इसकी कीमत सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाना था। ईडी इस मामले की जांच प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, पीएमएलए के तहत कर रही है।
केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ीं!
अभियोजन के इस हालिया आदेश से केजरीवाल को भारी कीमत चुकानी पड़ी, क्योंकि यह घोटाला उनके राजनीतिक करियर पर तलवार की तरह लटक रहा था। आरोप पत्र पहले ही दायर किया जा चुका है और ईडी द्वारा लगाए गए आरोप