दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रबंधन के लिए आईओए की तदर्थ समिति के अधिकार को बहाल किया

दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रबंधन के लिए आईओए की तदर्थ समिति के अधिकार को बहाल किया


छवि स्रोत : पीटीआई Sakshi Malik, Vinesh Phogat and Bajrang Punia.

दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रबंधन और संचालन के लिए भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की विज्ञापन समिति के अधिकार को बहाल कर दिया। न्यायालय ने तदर्थ समिति के पुनर्गठन का काम आईओए पर छोड़ दिया है।

यह आदेश प्रसिद्ध पहलवान बजरंग पुनिया, विनेश फोगट और साक्षी मलिक की याचिका पर अंतरिम आदेश के रूप में पारित किया गया। इसमें कहा गया कि आईओए द्वारा डब्ल्यूएफआई के लिए समिति को वापस लेने का निर्णय उसके दायित्वों के अनुरूप नहीं है। न्यायालय ने समिति के पुनर्गठन का निर्णय आईओए पर छोड़ दिया है।

तत्कालीन डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध जताने वाले पहलवानों ने पदाधिकारियों के चयन के लिए हुए चुनावों को अवैध घोषित करने के लिए 2024 की शुरुआत में ही कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। बृज भूषण के पद से हटने के बाद उनके वफादार संजय सिंह ने 21 दिसंबर 2023 को चुनाव के बाद उनकी जगह ली।

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