दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को आप नेता सोमनाथ भारती की याचिका पर भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज को नोटिस जारी किया, जिसमें कथित भ्रष्ट आचरण के आधार पर उनके लोकसभा चुनाव को चुनौती दी गई है।
न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की पीठ ने सुषमा स्वराज को नोटिस जारी कर 30 दिन के भीतर जवाब मांगा है।
स्वराज के चुनाव जीतने के बाद आप नेता ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 80 और 81 के तहत दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। उन्होंने स्वराज और उनके चुनाव एजेंटों पर चुनाव जीतने के लिए भ्रष्ट आचरण में शामिल होने का आरोप लगाया।
2024 के आम चुनाव में सोमनाथ भारती और बांसुरी स्वराज ने नई दिल्ली लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। सोमनाथ भारती को 3,74,815 वोट मिले, जबकि बांसुरी स्वराज को 4,53,185 वोट मिले।
भारती की याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि राज कुमार आनंद ने आप के वोट शेयर में सेंध लगाकर भाजपा की स्वराज को मदद पहुंचाने के लिए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर चुनाव लड़ा था। भारती की याचिका में कहा गया है कि चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद आनंद 10 जुलाई को भाजपा में शामिल हो गए।
भारती का मामला यह था कि आनंद, जो पहले दिल्ली में आप सरकार में मंत्री थे और 9 अप्रैल तक भारती के लिए चुनाव प्रचार में सक्रिय थे, ने 10 अप्रैल को अचानक पार्टी से इस्तीफा दे दिया। मामले में राज कुमार आनंद को आज प्रतिवादी के रूप में हटा दिया गया।
भारती का कहना है कि चुनाव के दिन जब वे नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र के मतदान केंद्रों पर गए तो उन्हें यह देखकर झटका लगा कि स्वराज के मतदान एजेंटों के पास उनके मतपत्र संख्या, फोटो, चुनाव चिन्ह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर वाले पर्चे थे। कथित तौर पर एजेंट मतदाताओं को पर्चे दिखा रहे थे और उनसे मतपत्र संख्या 1 पर वोट देने के लिए कह रहे थे।
भारती ने दलील दी है कि भाजपा नेता और उनके एजेंटों द्वारा किया गया ऐसा कृत्य निश्चित रूप से भ्रष्ट आचरण के अंतर्गत आता है। उन्होंने आगे आरोप लगाया है कि रिटर्निंग अधिकारी ने भी इसकी रिपोर्ट की थी।